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Bhashini: पहली बार पीएम मोदी का भाषण AI ने किया ट्रांसलेट, जानें कैसे!

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Image Credit: BJP (Official Twitter Handle)

PM Modi First Time Uses Bhashini AI Translation Tool: दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय होती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक कुछ इस कदर अपनी धाक जमा रही है, कि अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से इसका व्यापक इस्तेमाल शुरू कर दिया है। जी हाँ! रविवार (17 दिसंबर) को वाराणसी में काशी तमिल संगमम 2.0 (Kashi Tamil Samagamnam) के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने पहली बार एआई तकनीक के प्रयोग का अनोखा उदाहरण पेश किया।

असल में उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए अपने भाषण का अन्य भाषा में सफलतापूर्वक अनुवाद (ट्रांसलेशन) किया। प्रधानमंत्री मोदी उस वक्त ‘हिंदी’ में अपना भाषण दे रहे थे और ठीक उसी समय रियल-टाइम (लाइव) में डिजिटल इंडिया (Digital India) का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल भाषिनी (Bhashini) तमिल भाषा में उसका अनुवाद कर रहा था।

PM Modi On Bhashini AI Translation Tool

एआई तकनीक के इस नए प्रयोग को लेकर खुद पीएम मोदी भी बेहद उत्साहित नजर आए, और उन्होंने कहा;

“यह एक नई शुरुआत है, और मुझे उम्मीद है कि इसके जरिए अब मेरे लिए आप लोगों तक पहुँचना आसान हो जाएगा।”

पीएम मोदी का भाषण AI ने किया ट्रांसलेट, जानें कैसे?

काशी स्थित नमो घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु से लगभग 1400 लोग मौजूद थे। जब पीएम मोदी ने हिंदी में अपना भाषण शुरू किया, तो वहाँ मौजूद तमिल भाषी लोग अपने कानों पर हेडफोन लगा कर, प्रधानमंत्री का पूरा भाषण तमिल भाषा में सुन सके।

क्या है Bhashini एआई

जैसा नाम से ही जाहिर है, डिजिटल इंडिया पहल के तहत विकसित भाषिनी (Bhashini) भारत की विभिन्न भाषाओं में काम करने के लिहाज से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 में गुजरात में आयोजित डिजिटल इंडिया सप्ताह के दौरान ही Digital India Bhashini को लोगों के बीच पेश किया था।

यह मुख्य रूप से एक एआई आधारित लैंग्वेज ट्रांसलेशन सिस्टम पर काम करता है, जिसके जरिए आसानी से किसी भी भारतीय भाषा का अनुवाद किसी अन्य भारतीय भाषा में किया जा सकता है।

इसका मुख्य मकसद है भारत के लोग अपनी अलग-अलग स्थानीय भाषाओं में भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें और किसी भी प्रकार ‘भाषा’ तकनीक के साथ जुड़ने में उनके लिए व्यवधान ना बने। भाषिनी के जरिए अलग-अलग भाषाओं में डिजिटल सेवाओं के इस्तेमाल के सपने को साकार किया जा रहा है।

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तमाम भारतीय भाषाओं को समझने के लिए Bhashini प्लेटफॉर्म की ‘भाषा दान’ सुविधा अहम स्रोतों में से एक है। इसके जरिए भाषिनी पर अलग-अलग भाषाओं से जुड़े इनपुट जोड़े जा सकते हैं और एक व्यापक डेटाबेस बनता है, जिसका इस्तेमाल करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के सहारे, टूल को अलग-अलग भाषाओं की समझ विकसित करने में मदद मिलती है। सरल शब्दों में इसी डेटाबेस का इस्तेमाल भाषिनी एआई की ट्रेनिंग के लिए किया जाता है। इसके चार तरीके निम्नलिखित हैं;

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Bhashini का ऐप

भाषिनी का उपयोग करने के इच्छुक व्यक्ति सीधे अपने फोन पर इसका ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के एंड्रॉइड (Andorid) और आईओएस (iOS) दोनों वर्जन उपलब्ध हैं।

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