UPSC IAS – 63 Percent Who Cleared Mains Were From Engineering Background: सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच अक्सर यह चर्चा सुनने को मिलती है कि बीते कुछ सालों में परीक्षा में सफलता पानें वालों उम्मीदवारों में से अधिकतर ‘इंजीनियरिंग स्ट्रीम’ से रहे हैं। और अब मानों इस बात पर सरकार ने भी मुहर लगा दी है।
जी हाँ! राज्यसभा में साझा किए गए आँकड़ो के अनुसार, साल 2017 से 2021 के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा का मेन्स पास करने वाले कुल उम्मीदवारों में से 63% से अधिक के पास इंजीनियरिंग की डिग्री थी। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में टॉप 10 रैंकर्स में से 6 इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से ही थे।
63% Who Cleared UPSC Mains Were From Engineering Background:
राज्यसभा में इस बात की जानकारी खुद कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा दी गई। उन्होंने यूपीएससी मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों से संबंधित एक डेटा पेश किया, जिससे यह सामने आया है कि 2017-21 के दौरान मेन्स परीक्षा पास करने वाले 4,371 उम्मीदवारों में से 2,783 इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से थे।
वहीं आँकड़े यह भी बताते हैं कि इन पांच सालों में कुल सफल उम्मीदवारों में 1033 (लगभग 23%) ह्यूमिनिटीज स्ट्रीम से संबंधित थे, जबकि 315 विज्ञान स्ट्रीम से और 240 अभ्यर्थी मेडिकल साइंस (स्नातक) के थे।
इस अवधि के दौरान कुल 4,371 उम्मीदवारों में से 3337 अभ्यर्थियों के पास बैचलर डिग्री थी, वहीं 1034 अभ्यर्थियों के पास हायर क्वालिफिकेशन डिग्री थी। हालाँकि हायर क्वालिफिकेशन डिग्री वाले उम्मीदवारों के मामले में, ह्यूमिनिटीज बैकग्राउंड के दावेदारों ने अपना दबदबा बनाया। ह्यूमिनिटीज में 597 उम्मीदवारों के पास स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रैजूएट) डिग्री थी, जबकि इंजीनियरिंग के 243 अभ्यर्थी ही पोस्ट ग्रैजूएट डिग्री धारक थे।
UPSC: महिलाओं और पुरुषों का प्रतिशत
एक सवाल के जवाब में कार्मिक राज्य मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के जरिए यह भी सामने आया कि 2017-21 के दौरान मेन्स पास करने वाले कुल 4,371 उम्मीदवारों में से 3,265 पुरुष उम्मीदवार (लगभग 74.6%) और 1,106 महिला उम्मीदवार (लगभग 25.4%) रहीं।
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UPSC Mains: भाषाएं और विषय
यूपीएससी मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों में कई ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने पेपर असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उर्दू, अंग्रेजी, डोगरी और मैथिली में लिखनें का विकल्प चुना।
वहीं 2018, 2019, 2020 और 2021 में सफल उम्मीदवारों द्वारा मुख्य परीक्षा के दौरान चुने गए वैकल्पिक विषयों में ‘राजनीति विज्ञान’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय संबंध’, ‘समाजशास्त्र’, ‘मानव विज्ञान’ और ‘भूगोल’ आदि शीर्ष पसंद बनकर उभरे।
क्यों खास है UPSC परीक्षा?
बताते चलें, संघ लोक सेवा आयोग या UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा मुख्यतः तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं।
अंतिम मेरिट लिस्ट में जगह बनाने वाले उम्मीदवारों को इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (IAS), भारतीय पुलिस सर्विसेज (IPS), भारतीय फॉरेन सर्विसेज (IFS) और रेलवे ग्रुप ए (इंडियन रेलवे अकाउंट्स सर्विस) समेत अन्य सेवाओं के लिए चयनित किया जाता है।