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बीतें 5 सालों में विदेश पढ़ने गए 403 भारतीयों की मौत, सबसे अधिक कनाडा में!

बीतें 5 सालों में विदेश पढ़ने गए 403 भारतीयों की मौत, सबसे अधिक कनाडा में!

  • 2018 के बाद से विदेशों में पढ़ने गए 403 भारतीय छात्रों ने गंवाई अपनी जिंदगियां
  • 34 देशों में से सबसे अधिक भारतीय छात्रों की मौतें 'कनाडा' और 'ब्रिटेन' में हुई
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403 Indian Students Died Abroad In 5 Years, Most In Canada: साल 2018 के बाद से पिछले 5 सालों में विदेशों में पढ़ने गए 403 भारतीय छात्रों ने दुःखद रूप से अपनी जिंदगियां गंवाई हैं। यह आँकड़ा खुद भारत सरकार की ओर से पेश किया गया है। इस दौरान लगभग 34 देशों में से सबसे अधिक भारतीय छात्रों की मौतें कनाडा और ब्रिटेन में हुई हैं।

विभिन्न देशों में हुई भारतीय छात्रों की मौतों की कुल संख्या पर गौर करें तो अधिकतर मौतें प्राकृतिक कारणों, दुर्घटनाओं या फिर स्वास्थ्य संबंधी वजहों के चलते हुईं हैं। पढ़ाई के लिए विदेशों का रूख करने वाले भारतीय छात्रों की मौतों को लेकर यह चौंकाने वाली जानकारी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (7 दिसंबर) को राज्यसभा में दी।

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि बीते पांच सालों में विदेशों में पढ़ने गए जितने भी भारतीय छात्रों की मौत हुई है, उनमें कनाडा शीर्ष पर है। आँकड़ो के मुताबिक, इस अवधि के दौरान कनाडा में सबसे ज्यादा 91 भारतीय छात्रों की मौत हुई है, जबकि ब्रिटेन में 48 भारतीय छात्रों की मृत्यु दर्ज की गई।

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि, मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 2018 से विदेश में पढ़ने गए भारतीय छात्रों की मौत की 403 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। देशवार तरीके से भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी इन दुःखद घटनाओं के आँकड़ो पर नजर डालें तो यह कुछ इस प्रकार हैं;

  • कनाडा में 91 भारतीय छात्रों की मौत
  • यूनाइटेड किंगडम/ब्रिटेन में 48
  • रूस में 40
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में 36
  • ऑस्ट्रेलिया में 35
  • यूक्रेन में 21
  • जर्मनी में 14
  • साइप्रस में 14
  • इटली में 10
  • फिलीपींस में 10

कई बार खबरों में सुनने को मिलता है कि विदेशों में पढ़ने गए कुछ भारतीय छात्र खुद पर हुए हमले आदि के चलते भी अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसी स्थिति में, जब भी किसी दूसरे देश में किसी भी भारतीय छात्र के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो भारतीय मिशन और पोस्ट तुरंत ही मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के सामने मामले को उठता है और उचित जांच व अपराधियों को कड़ी सजा आदि सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।

विदेश राज्य मंत्री के मुताबिक, विदेश में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सरकार की अहम प्राथमिकताओं में से एक रही है। इसके तहत संबंधित देशों में तैनात वरिष्ठ भारतीय अधिकारी अक्सर भारतीय छात्रों और उनके संघों के सम्पर्क में रहने का प्रयास करते हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों का भी दौरा किया जाता है।

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विदेश मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आँकड़े बताते हैं कि साल 2018 और 2022 के बीच कुल 6,21,336 भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए अमेरिका गए, जो किसी अन्य देश/गंतव्य के मुकाबले भारतीय छात्रों की सबसे अधिक संख्या रही। वहीं समान अवधि के दौरान के दौरान कुल 5,67,607 भारतीय छात्रों ने पढ़ाई के लिए ‘कनाडा’ का रुख किया, जबकि 3,17,119 छात्र ब्रिटेन गए।

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प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सामान्यतः कनाडा पढ़ाई के लिहाज से भारतीय छात्रों की पहली पसंद के रूप में उभरता रहा है। शायद यही वजह भी है कि वहाँ मौतों की संख्या में भी उसी लिहाज से वृद्धि देखी गई। असल में हाल में भारत-कनाडा के रिश्तों में काफी तल्ख़ी देखनें को मिली है, ऐसे में कनाडा का नाम देश के भीतर वैसे भी काफी सुर्खियों बटोरते हुए लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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