सरकार ने बताया ‘2023 में भूकंपों की संख्या में वृद्धि’ के पीछे का कारण, जानें यहाँ!

  • साल 2023 में नवंबर तक 124 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
  • भूकंप में बढ़ोतरी की मुख्य वजह पश्चिमी नेपाल में अल्मोडा फॉल्ट का सक्रिय होना है।
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Govt Shares Earthquake Data For 2023: साल 2023 समाप्त होने की कगार पर है। लेकिन इस साल भूकंपों की संख्या में व्यापक बढ़ोतरी देखनें को मिली, जिसके पीछे के कारणों पर तमाम तरह की अटकलें लगाई जाती रहीं। हालाँकि अब खुद भारत सरकार की ओर से भूकंपों की संख्या में हुई वृद्धि के पीछे की वजह बताई गई है।

जी हाँ! भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कहना है कि पश्चिमी नेपाल में स्थित अल्मोड़ा फॉल्ट के सक्रिय होने के कारण ही साल 2023 में भूकंप गतिविधियों में वृद्धि देखनें को मिली। यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरण रिजिजू ने बुधवार (6 दिसंबर) को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

सरकार द्वारा पेश आँकड़ो के अनुसार, साल 2023 में फिलहाल नवंबर तक 124 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें से रिक्टर स्केल पर 3.0 से 3.9 तीव्रता के बीच के ही लगभग 97 भूकंप दर्ज किए गए, जबकि एक साल पहले यानी 2022 में यह आँकड़ा 41 था।

अगर 4.0 से 4.9 तीव्रता के झटकों वाले भूकंप की बात करें तो इस साल इनकी गिनती 21 रही, जबकि अल्मोड़ा फॉल्ट की सक्रियता के चलते 24 जनवरी, 3 अक्टूबर और 3 नवंबर समेत कुल 4 बार बड़े भूकंप आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 से 5.9 के बीच रही। इतना ही नहीं बल्कि यह साल 6.0 से 6.9 की तीव्रता वाले दो बेहद तेज भूकंपों का भी गवाह बना।

किस साल कितने भूकंप आए?

आँकड़ो को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि पिछले चार साल में सबसे ज्यादा भूकंप इसी साल यानी 2023 में दर्ज किए गए। असल में एक साल के भीतर कुल भूकम्पों की बात करें तो साल 2023 में यह आँकड़ा 124 रहा, जबकि 2022, 2021 और 2020 के लिए यह क्रमशः 65, 60 और 61 था। इस तरह 2020 से लेकर नवंबर 2023 तक कुल 310 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

Govt Shares Earthquake Data For 2023

भूकंप की तीव्रता सीमा अवधि के दौरान भूकंपों की संख्या
साल 2020 साल 2021 साल 2022 जनवरी से नवंबर 2023
3.0 से 3.9 42 41 41 97
4.0 से 4.9 18 18 20 21
5.0 से 5.9 1 1 3 4
6.0 से 6.9 0 0 1 2

Earthquakes Increased Due To Almora Fault Activation

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा भारत का भूकंपीय मानचित्र प्रकाशित किया जाता है। बता दें, भारत को कुल 5 भूकंप जोन में बाँटा गया है, जिसमें भूकंप के लिहाज से पहला जोन सबसे सुरक्षित और पाँचवा जोन सबसे खतरनाक माना जाता है। सबसे खतरनाक यानी पांचवें जोन में देश के कुल भूखंड का लगभग 11% हिस्सा शामिल है।

जोन-5 में जम्मू और कश्मीर का काफी हिस्सा, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात (कच्छ का रण), उत्तरी बिहार, पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आदि शामिल हैं। वहीं जोन-4 में जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का शेष हिस्सा, हरियाणा और पंजाब, उत्तर प्रदेश का कुछ हिस्सा आदि शामिल हैं।

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जोन-3 की बात करें तो इसमें केरल, गोवा, लक्षद्वीप, पश्चिमी राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि के कुछ इलाकें शामिल हैं, जबकि जोन-2 में राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु आदि का शेष इलाका शामिल है।

क्या है अल्मोड़ा फॉल्ट (Almora Fault)?

गौर करने वाली बात ये है कि उत्तर भारत से लेकर उत्तर-पूर्व भारत तक फैला हिमालय क्षेत्र असल में दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है और यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते इन इलाको में अत्यधिक भूकंप गतिविधियाँ देखनें को मिलती हैं।

जब भी ये दोनों टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती या खिसकती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, जिनकी तीव्रता इनके टकराव या गति पर निर्भर करती है। यही वजह है कि इस इलाकें के स्थित भारत और नेपाल अक्सर भूकंप के झटकों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। वैसे कई बार इन झटकों का असर दिल्ली और उत्तर भारत के कई इलाकों में भी महसूस किया जाता है।

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