UP Gramya Vikas Vibhag Bharti On 35500 Posts: उत्तर प्रदेश में रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं को जल्द ही एक अच्छा अवसर मिल सकता है। प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में खाली पड़े लगभग 3500 पदों पर जल्द ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। वहीं अन्य तमाम पदों को शामिल कर दें तो यह भर्ती आँकड़ा 35,500 तक जाने की उम्मीद है।
असल में, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ की गई एक समीक्षा बैठक के दौरान ग्राम्य विकास विभाग एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में लगभग 3500 से अधिक नियमित पदों के साथ ही साथ, मनरेगा और एस०आर०एल०एम० व एसआईआरडी में लगभग 32,000 से अधिक संविदा (आउटसोर्सिंग) संबंधित पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए हैं।
UP Gramya Vikas Vibhag Bharti
जाहिर है यह खबर उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी का सपना देखनें वाले हजारों-लाखों युवाओं के लिए एक बड़े सौगात की तरह है। यूपी के उपमुख्यमंत्री की ओर से संबंधित विभागों को भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार समाज के सभी लोगों को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ने को लेकर प्रतिबद्ध है। राज्याधीन सेवाओं में अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी)/अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थियों को आरक्षण के संबंध में जारी किये गये शासनादेशों में तय व्यवस्था के अनुरूप ही यह भर्तियाँ की जाएँगी।
इसके साथ ही ‘आउट-सोर्सिंग’ या ‘संविदा’ के तहत होने वाली भर्तियों में भी कार्मिक अनुभाग-2 के शासनादेश में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार ही की जानी हैं।
Gramya Vikas Vibhag Bharti – Eligibility
फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इन भर्तियों को लेकर अन्य किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की गई। लेकिन यूपी में ग्राम्य विकास विभाग के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष होनी चाहिए। हालाँकि आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा क्या होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कुछ जानकारों के अनुसार, उत्तर में में इस भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की जा सकती है, जिसमें आरक्षण प्राप्त अभ्यार्थियों के लिए तय मानकों के अनुसार छूट के प्रावधान भी शामिल होंगे।
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बढ़ सकता है यूपी में शिक्षा मित्रों का मानदेय?
इस बीच विधान परिषद में सवालों का जवाब देते हुए, राज्य के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी करने पर विचार करेगी। उन्होंने यह आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में जो भी फैसला लिया जाएगा, उससे सदन को अवगत करवाया जाएगा।
असल में विपक्ष के नेताओं के अनुसार, शिक्षा मित्रों के मानदेय के विषय में साल 2018 में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक कार्यवाई आगे बढ़ती नजर नहीं आ रही।