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भारतीय विमान इस क्षेत्र में भटक रहे रास्ता, DGCA ने जारी की गाइडलाइन, जानें यहाँ!

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Photo Credit: Wikimedia Commons

DGCA issues advisory to Indian airlines aircraft spoofing: भारतीय विमान सेवा को मध्य एशिया के आसमानी क्षेत्र में उड़ान के समय एयरक्राफ्ट स्पूफिंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। स्पूफिंग के दौरान फ्लाइट के पायलट को भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, जब उसे किसी अन्य जगह से एक फेक जीपीएस सिग्नल प्राप्त होने लगता है, इस वजह से विमान आसमान में अपना रास्ता भटक जा रहे हैं।

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दरअसल मीडिया रिपोर्ट में DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के हवाले से बताया है, कि मध्य एशिया के आसमानों में उड़ान के दौरान इंडियन फ्लाइट रास्ता अक्सर भटक जा रहे है,इसके पीछे DGCA ने भारतीय विमानों के सिग्नल टूटने की वजह GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सेटलाइट सिस्टम) को बताया है, जिस वजह से भारतीय विमान आसमान में अंधी उड़ान भरने के लिए मजबूर हैं।

इसके लिए DGCA ने ग्लोबल नेविगेशन सेटलाइट सिस्टम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है साथ ही इस समस्या को खत्म करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, कि GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सेटलाइट सिस्टम) की वजह से भारतीय विमानों के सिग्नलों की स्प्रूफिंग होती है। बता दे, स्पूफिंग एक प्रकार से युद्ध क्षेत्रों में उपयोग में लाने वाली तकनीकी है जो विरोधी दल के जीपीएस सिस्टम में हेर फेर करके गलत जानकारी देने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

DGCA advisory Indian airlines : विमानन के लिए खतरे की निगरानी और विश्लेषक नेटवर्क की स्थापना का भी मांग

अब इस पूरे मामले को लेकर  Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने भारतीय विमानों के पायलट, एयरलाइंस कंपनिया, सहित एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को गाइडलाइन के साथ चेतावनी जारी की है साथ ही खतरे को लेकर आगाह कर दिया हैं। DGCA ने सिग्नल गायब होने की स्थिति से निपटने के लिये बेहतर तकनीकी उपकण निर्माताओं से भी संपर्क किया गया है।

डीजीसीए (DGCA)ने विमानों द्वारा ऐसे समस्याओं का निदान के लिए इमरजेंसी उपायों और विमानन के लिए खतरे की निगरानी और विश्लेषक नेटवर्क की स्थापना का भी मांग की है।

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सितंबर में एयरक्राफ्ट स्पूफिंग की वजह से अवैध रूप से भारतीय विमान ईरान की सीमा में पहुंच गया

रिपोर्ट में कहा गया है, सितंबर से कई कमर्शियल फ्लाइट्स में यह समस्या आई है, मध्य एशिया ख़ासकर ईरान के नजदीक विमानों का नेविगेशन सिस्टम काम करना बंद कर देता है और उसमें गड़बड़ी आ जाती है। बीते दिनों तो एक विमान जीपीएस सिग्नल में गड़बड़ी के चलते बिना इजाजत ईरान की वायुसीमा में ही प्रवेश कर गया था।

गौरतलब है, डीजीसीए (DGCA) भारत सरकार की नागर विमानन मंत्रालय के अधीनस्थ नागर विमानन की एक नियामक संस्था है, जो मुख्य रूप से विमानन दुर्घटनाओं तथा अन्य संबंधित घटनाओं के बारे में जाँच करता है,

वही दूसरी ओर जीएनएसएस या ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम व्यापक वैश्विक कवरेज वाला एक प्रकार का सैटेलाइट सिस्टम है। यह स्वतंत्र भू-स्थानिक स्थिति प्रदान करने के लिए उपग्रहों का उपयोग करता है। यह नियमित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए उपग्रहों से रेडियो सिग्नल प्राप्त करने वाले सेंसर के माध्यम से उनके स्थान, स्थिति और नेविगेशन का पता लगाना संभव बनाता है।

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