Amazon Will Now Use River Ganga For Delivery?: ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन (Amazon) अब भारत में पैकेज डिलीवरी को और तेज व बेहतर बनाने के लिए एक नया प्रयोग करने जा रही है। असल में अमेजन ने अब जलमार्गों के माध्यम से भी अपना सामान ट्रासपोर्ट करने का फैसला किया है। इसके लिए कंपनी फिलहाल गंगा नदी से शुरुआत करने जा रही है।
इस नई योजना के तहत अमेजन का इरादा गंगा नदी के जरिए कार्गो ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने का है। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, शुरुआती चरण के लिए पटना-कोलकाता जलमार्ग पर इसे लेकर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है।
Amazon Will Use River Ganga For Delivery: कंपनी ने की साझेदारी
भारत में नदियों के नेटवर्क के जरिए कार्गो शिपमेंट की इस योजना को लेकर अमेजन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेजन इंडिया (Amazon India) ने भारत सरकार के बंदरगाह, शिपिंग और जल परिवहन मंत्रालय के साथ एक MoU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं।
इस दिशा में आगे बढ़ते हुए अमेजन सेलर सर्विसेज (Amazon Seller Services) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया या IWAI) के बीच एक समझौता हुआ है।
जल्द अमेजन भारत में नदियों के नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए, कार्गो शिपमेंट और कंटेनर वाले कार्गो मूवमेंट के जरिए आपके पार्सल की डिलीवरी करती नजर आएगी। बता दें इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे।
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जलमार्ग के जरिए कार्गो शिपमेंट के लाभ
- अमेजन ऑर्डर डिलीवरी में तेजी
- डिलीवरी लागत अधिक प्रभावी बन सकेगी
- यह विकल्प तुलनात्मक रूप से पर्यावरण के अधिक अनुकूल
देश में जल परिवहन की संभावनाओं को तलाशने और अवसरों का लाभ उठाने के मकसद के साथ की गई यह साझेदारी ना सिर्फ कंपनी के लॉजिस्टिक्स संचाल को सुव्यवस्थित करने का काम करेगी, बल्कि पर्यावरण के बचाव के लिहाज से भी कारगर साबित होगी। विश्व बैंक के आँकड़ो के अनुसार, जल परिवहन की तुलना में रेल एवं सड़क परिवहन में क्रमश: 18 प्रतिशत और 91 प्रतिशत अधिक ईंधन की खपत होती है।
साथ ही बतौर ग्राहक आपको भी इससे लाभ होगा, क्योंकि प्रभावी लागत के साथ ही साथ अमेजन की ऑनलाइन ऑर्डर डिलीवरी में तेजी भी आएगी। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे कदमों के साथ देश की जलमार्ग अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिलेगा, जिसको लेकर केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। खुद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भी कई मौक़ों पर भारत की नदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का जिक्र किया जा चुका है।