Site icon NewsNorth

एक साल में पूरी कर सकेंगे पीजी की डिग्री, UGC ने तैयार किया ड्राफ्ट

india-now-top-country-sending-students-to-the-us-beats-china

UGC Draft – One Year PG May Be Allowed: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जल्द छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत एक बड़ी राहत देने की तैयारी में है। असल में यूजीसी ने कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों के संदर्भ में एक नया मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार किया है, जिसमें कई दिलचस्प प्रावधान किए गए हैं।

साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन या UGC) जल्द स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) कोर्स के लिए एक नया सिलेबस पेश करने वाला है। इस कोर्स को लेकर यूजीसी की तरफ से फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है।

UGC Draft – One Year PG May Be Allowed

कुछ समय पेश की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत यूजीसी छात्रों को अध्ययन संबंधित कुछ लचीलापन प्रदान करता नजर आएगा। नए नियमों में सबसे दिलचस्प यह है कि चार साल की स्नातक (ग्रेजुएशन) डिग्री करने वाले छात्रों के लिए स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) की अवधि एक साल कर दी जाएगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई सिफारिशों के अनुसार, शोध के साथ ऑनर्स या ऑनर्स के साथ ‘चार साल’ की स्नातक डिग्री पूरी करने वाले छात्रों मास्टर डिग्री या पीजी की अवधि एक साल की जा सकती है।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

इतना ही नहीं बल्कि दो वर्षीय पीजी प्रोग्राम के दौरान भी अगर कोई छात्र पहले साल की पढ़ाई करने के बाद ही बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें पीजी डिप्लोमा की डिग्री प्रदान की जाएगी। जबकि तीन साल का डिग्री कोर्स करने वाले छात्रों के लिए ‘दो साल का पीजी’ कोर्स पूर्व की तरह ही जारी रहेगा।

विषय चुननें को लेकर भी मिलेगी राहत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजीसी के प्रस्तावित नियमों के तहत स्नातकोत्तर छात्रों को और अधिक सहूलियत देते हुए, विषयों को बदलने की भी स्वतंत्रता दी जानी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक छात्र ग्रेजुएशन कोर्स के लिए अध्ययन किए गए किसी भी विषय में पीजी करने का विकल्प चुन सकेंगे। मास्टर डिग्री के लिया छात्र यूजी कोर्स के दौरान शामिल बड़े (मेजर) और छोटे (माइनर) विषयों में से किसी भी एक का चुनाव कर सकते हैं।

See Also

वैसे साफ कर दें कि यूजी कोर्स में किसी छात्र द्वारा चुने गए मेजर या माइनर विषयों के बावजूद, वह छात्र मास्टर कोर्से में किसी भी विषय में प्रवेश के लिए पात्र होते हैं, बर्शते संबंधित कोर्स में राष्ट्रीय स्तर या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है।

जाहिर है, इस कदम का लक्ष्य छात्रों को उनकी रुचि के अनुरूप कोर्स चुन सकने की सुविधा प्रदान करना है। इसके साथ ही छात्रों को पारंपरिक के अलावा सीखने के वैकल्पिक तरीकों जैसे ऑफलाइन, ओपन लर्निंग और डिस्टेंस एजुकेशन जैसे हाइब्रिड विकल्पों पर आसानी से स्विच करने कर सकनें की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

यूजीसी ने STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में चार साल का यूजी कोर्स, तीन साल का यूजी कोर्स, दो साल का पीजी या पांच साल का एकीकृत कोर्स (यूजी पीजी) पूरा करने वाले छात्रों को एमई, एमटेक व अन्य संबद्ध क्षेत्रों में प्रवेश के लिए पात्र मानें जाने का भी प्रस्ताव जोड़ा गया है।

Exit mobile version