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नेपाल में भूकंप से 128 लोगों की मौत, दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए झटके

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Earthquake Hits Nepal & Delhi-NCR: नेपाल एक बार फिर भूकंप की चपेट में आया। शुक्रवार (3 नवंबर) को देर रात नेपाल में 6.4 तीव्रता के भूकंप आया, जिसके चलते तेज झटके महसूस किए गए। यह भूकंप कितना शक्तिशाली था इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके झटके भारत में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर के कई हिस्सों में महसूस किए गए।

अब तक सामने आ रही खबरों के मुताबिक, इस भयानक भूकंप के चलते नेपाल में 128 लोगों की जान गई है। इतना ही नहीं बल्कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1000 से अधिक लोगों के घायल होने की भी खबर है।

Nepal Earthquake: कब आया भूकंप

सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, नेपाल में शुक्रवार, 3 नवंबर को लगभग रात 11:47 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र नेपाल स्थित जाजरकोट जिले के रमीडांडा को बताया जा रहा है। वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की मानें तो नेपाल में आए इस भूकंप का केंद्र ज़मीन से मात्र 15 से 18 किलोमीटर की गहराई पर था।

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देर रात से ही सोशल मीडिया पर इस भूकंप से मची तबाही के कई वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जा रही हैं, जिसमें लोगों के ढहे हुए मकानों के मलबे साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। साथ ही मलबे में दबे जीवित लोगों को बचाने के लिए भी कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन इस बीच रात के दौरान अंधेरे में राहत कार्यों में थोड़ी मुश्किल जरूर आई।

कई लोगों ने भूकंप के बाद अपने घरों की दीवारों की तस्वीरें भी साझा की, जिनमें भूकंप के चलते आई दरारों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीती रात से अब तक नेपाल में रह-रह कर तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इसकी वजह से लोगों के बीच अभी भी दहशत बनी हुई है।

Earthquake in Delhi?: चीन और भारत में भी काँपी धरती

जैसा हमनें पहले भी बताया, भूकंप इतना ख़तरनाक था कि इसके झटके भारत और चीन में भी महसूस किए गए। खासकर दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में इसका असर देखा गया। भारत में लगभग 40 सेकंड तक इस भूकंप के झटकों को महसूस किया गया।

भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, गोरखपुर आदि में भी महसूस किए गए।

Nepal Earthquake: प्रधानमंत्री ने शुरू किया दौरा

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के चलते हुई मौतों को लेकर दुख व्यक्त किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने X पर किए गए पोस्ट में लिखा;

“शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप की वजह से हुई मानवीय और मकानों की क्षति का गहरा दुख है। घायलों तक हर संभव मदद पहुँचाने के लिए तत्काल बचाव व राहत कार्य चलाए गए हैं, जिसके लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को भी तैनात किया गया है।”

बता दें प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने खुद देश के भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करने का ऐलान किया है और ताजा जानकारी के मुताबिक, वह अपने दौरे पर रवाना भी हो गए हैं।

भारत ने की मदद की पेशकश

नेपाल के लिए इस मुश्किल घड़ी में भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी ने मदद की पेशकश की। उन्होंने X (पूर्व में Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा;

“भारत, नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएँ शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”

लोगों को याद आया 2015 का भूकंप

बीती रात आए इस भूकंप की तीव्रता को देखते हुए, कई लोगों के जहन में साल 2015 में नेपाल के भीतर आए भयानक भूकंप की यादें ताजा हो गई। बता दें 2015 में नेपाल में लगभग 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी वजह से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। उस भूकंप की चपेट में आने से 5 लाख से अधिक घर नष्ट हुए थे।

नेपाल में क्यों आते हैं इतने भूकंप

जानकारों के अनुसार, नेपाल की भौगोलिक स्थिति पर गौर करें तो यह देश एक ऐसी पर्वत शृंखला पर है, जहाँ तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटे मिलती हैं और रह-रह कर तमाम कारणों के चलते ये एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इसके चलते देश अक्सर भूकंप का शिकार होता रहता है।

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