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दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के ऊपर लगाया ₹20,000 का जुर्माना, जानें क्या है मामला?

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के ऊपर लगाया ₹20,000 का जुर्माना, जानें क्या है मामला?

  • दिल्ली हाईकोर्ट 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल के पेंशन संबंधी एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
  • केंद्र सरकार को 1980 से पेंशन की सारी रकम 6% वार्षिक दर से 12 सप्ताह के भीतर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
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Delhi High Court Slaps Rs 20000 Fine On Central Government: केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये से नाराज़ दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के ऊपर ₹20,000 जुर्माने का नोटिस जारी किया है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट भारत छोड़ो आंदोलन और देश की आजादी में भाग लेने वाले 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल के पेंशन संबंधी एक मामले की सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, “केंद्र सरकार की निष्क्रियता स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल सिंह का अपमान है, जिन्हें गुलाम भारत की अंग्रेज सरकार द्वारा घोषित अपराधी घोषित किया गया था और ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई कार्यवाही में उनकी पूरी ज़मीन कुर्क कर ली गई थी।”

अब दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल की 1980 से पेंशन की सारी रकम 6% वार्षिक दर से 12 सप्ताह के भीतर जारी करने का निर्देश दिया है।

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साथ ही केंद्र सरकार के उदासीन रवैये को लेकर कोर्ट ने कहा,

“भारत संघ के उदासीन दृष्टिकोण के लिए यह न्यायालय भारत संघ पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाना उचित समझता है। आज से 6 सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को जुर्माने का भुगतान किया जाए।”

गौरतलब है, स्वतंत्रता सैनानी उत्तीम लाल सिंह की पेंशन देने की सिफारिश बिहार सरकार ने की थी, बिहार सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी के दस्तावेज केंद्र सरकार को भेजा था उक्त दस्तावेज़ को केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के लोगों द्वारा खो दिया गया। बिहार सरकार ने एक बार फिर उसे सत्यापित करके पिछले साल (2022) पुनः भेजा परंतु केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के ढुलमुल रवैए ने स्वतंत्रता सैनानी को पेंशन से वंचित रखा।

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96 वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी उत्तिम लाल सिंह ने हाईकोर्ट में लगाई थी गुहार

बता दे , 96 साल के स्वतंत्रता सेनानी उत्तिम लाल हाईकोर्ट की शरण में गुहार लगाई थी, उन्होंने कहा- उनका जन्म वर्ष 1927 में हुआ था और उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अन्य आंदोलनों में भाग लिया था। सितंबर 1943 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें अभियुक्त बनाया। उन्होंने मार्च 1982 में स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन के लिए आवेदन किया था पर उन्हें पेंशन मिल नहीं पाई।

क्या है, स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना

दरअसल केन्द्रीय राजस्व विभाग द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिवारों को पेंशन देने के लिए शुरू की गई केन्द्रीय योजना है। यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी।

योजना 15 अगस्त 1972 को लागू की गई जिसके अंतर्गत जीवित, मृत और शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को पेंशन प्रदान की जाती है। केंद्र ने स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना को जारी रखने के लिए 3,274.87 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत स्वतंत्रता सेनानियों और उनके पात्र आश्रितों को 2025-26 तक पेंशन और अन्य वित्तीय लाभ दिए जाने हैं। ऐसे में बिहार के स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल सिंह के साथ ये घटना सरकार की प्रतिबद्धता में प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है।

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