Manipur Violence SDPO Shot Dead By Militants: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के 6 महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी हालत सुधरते नज़र नही आ रहे है। राज्य में छुटपुट घटनाओं के बीच मंगलवार को राज्य में कुकी बहुलता वाले सीमावर्ती शहर के पूर्वी मैदान में नवनिर्मित हेलीपैड के निरीक्षण के लिए गए एक पुलिस अधिकारी को उग्रवादियों ने हमला करके हत्या कर दी।
पुलिस की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया उग्रवादियों ने तेंगनौपाल जिले के मोरेह इलाके में पुलिस डिपार्टमेंट के एसडीपीओ को गोली मार कर घायल कर दिया। घायल एसडीपीओ को गोली लगने के बाद मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
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मणिपुर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया,
“मोरेह में तैनात SDPO चिंगथम आनंद कुकी-ज़ो समुदाय की बहुलता वाले सीमावर्ती शहर के पूर्वी मैदान में नवनिर्मित हेलीपैड के निरीक्षण के लिए गए हुए थे।तभी घात लगाए बैठे उग्रवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. घटना में घायल एसडीओपी को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान पुलिसकर्मी ने दम तोड़ दिया। अब घटना के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।”
Manipur – SDPO Shot Dead: स्थानीय संगठनों की पुलिस सुरक्षा हटाने की मांग
एसडीओपी के ऊपर हमला तब हुआ जब स्थानीय नागरिकों और कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा मोरेह में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटाने की मांग की जा रही थी। हफ्ते भर पहले कुकी समुदाय के लोग सुरक्षाकर्मियों को क्षेत्र से हटाए जाने की मांग कर रहे थे।
सुरक्षाकर्मी ने म्यांमार के नागरिकों को चोरी करते पकड़ा
मणिपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में मैती समुदाय के छोड़े गए घर से फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान चुराने और अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 10 से अधिक म्यांमार के नागरिकों को गिरफ्तार किया था. राज्य के सीएम एन वीरेन ने घटना में प्रतिक्रिया देते हुए घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा,
“यही वजह है कि कुछ विशेष संगठन मोरेह शहर में राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती का विरोध कर रहे हैं।”
गौरतलब है, 3 मई से भारत के पूर्ववर्ती राज्य मणिपुर में दो समुदाय के बीच जातीय आधार में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में अब तक करीबन 150 से अधिक लोगों के मारे जाने करीबन 1100 से अधिक घायल हुए हैं। सरकार ने हिंसा के मद्देनजर राज्य को “अशांत क्षेत्र” घोषित कर दिया। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, 19 विशिष्ट पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को सशस्त्र बल के उपयोग के आदेश पारित है।