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स्पेस टेक स्टार्टअप Agnikul Cosmos ने हासिल किया ₹200 करोड़ का निवेश

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Startup Funding – Agnikul Cosmos: बीतें कुछ सालों में भारत का ‘निजी अंतरिक्ष उद्योग क्षेत्र’ काफी तेजी से बढ़ता नजर आया है। निजी क्षेत्र की स्पेस टेक कंपनियों या स्टार्टअप्स ने ‘बेहतरीन इनोवेशन’ से लेकर ‘निवेशकों का समर्थन हासिल’ करने तक, सभी मोर्चों पर सफलता दर्ज की है।

इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए, अब भारतीय स्पेस टेक स्टार्टअप Agnikul Cosmos ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $26.7 मिलियन (लगभग ₹200 करोड़) का निवेश हासिल किया है।

कंपनी को यह निवेश Celesta Capital, Rocketship.vc, Artha Venture Fund और Artha Select Fund से मिला। इसके साथ ही निवेश दौर में मौजूदा निवेशकों जैसे Mayfield India, pi Ventures, Speciale Invest आदि ने भी भागीदारी की।

यह Agnikul के द्वारा हासिल किया गया अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इसके साथ ही चेन्नई आधारित स्पेस टेक स्टार्टअप द्वारा प्राप्त की गई कुल पूंजी $40 मिलियन के आँकड़े को पार कर गई है।

इस नई राशि का इस्तेमाल यह स्टार्टअप मुख्य रूप से अपने कमर्शियल लॉन्च के पहले सेट की तैयारी के लिए करेगा। बता दें Agnikul नवंबर-दिसंबर तक टेस्ट-लॉन्च को पूरा करने की योजना बना रहा है। साथ ही कंपनी धनराशि का उपयोग कुछ अहम लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मोबाइल लॉन्चपैड व अन्य आवश्यक उपकरणों के निर्माण के लिए भी करेगी।

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जानकारी के अनुसार, यह स्पेस टेक स्टार्टअप ‘लॉन्च मैनेजमेंट’ से लेकर ‘ऑपरेशनल स्किल’ जैसी क्षमताओं के विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहता है, जिसके तहत कंपनी फिलहाल लगभग 225 लोगों की अपनी टीम को बढ़ाकर लगभग 300 तक ले जाने की तैयारी कर रही है।

Agnikul Cosmos Funding

Agnikul Cosmos की शुरुआत साल 2017 में श्रीनाथ रविचंद्रन (Srinath Ravichandran), मोइन एसपीएम (Moin SPM), और प्रो. एसआर चक्रवर्ती (Prof. S.R. Chakravarthy) ने मिलकर की थी। यह स्टार्टअप छोटे सैटेलाइट लॉन्च वाहनों का निर्माण कर रहा है।

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Credit: Agnikul (The Prime Minister, Shri Narendra Modi visiting an exhibition at the Singapore India hackathon, at IIT Madras, Chennai on September 30, 2019.)

इनमें सबसे प्रमुख है अग्निबाण (Agnibaan), जो एक छोटा सैटेलाइट लॉन्च वाहन है, और पृथ्वी की निचली कक्षाओं में लगभग 700 किलोमीटर तक 100 किलोग्राम का पेलोड ले जानें में सक्षम है।

साथ ही साल 2021 में Agnikul अपनी तरह के पहले पेटेंटेड 3D-प्रिंटेड रॉकेट इंजन Agnilet का सफल परीक्षण कर चुका है। स्टार्टअप ने पिछले साल रॉकेट इंजनों की एंड-टू-एंड 3D प्रिंटिंग की क्षमता से लैस अपनी एक फैक्ट्री का भी उद्घाटन किया था।

इतना ही नहीं बल्कि अगस्त 2023 में कंपनी ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर स्थित अपने निजी लॉन्चपैड के साथ अपने अत्याधुनिक लॉन्च वाहन, Agnibaan SOrTeD (सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डिमॉन्स्ट्रेटर) की एकीकरण प्रक्रिया शुरू की थी।

Agnikul के सीईओ, श्रीनाथ रविचंद्रन के अनुसार, कंपनी अपने ‘ऑन-डिमांड स्मॉल पेलोड लॉन्च सॉल्यूशन’ के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लगभग 40-45 वैश्विक ग्राहकों के साथ बातचीत कर रही है।

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