Earthquake Shakes Afghanistan Again: बीतें शनिवार ही अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसके चलते अब तक लगभग 4,000 लोगों की मौत और हजारों घरों के नष्ट होने की खबर सामने आ चुकी है। तबाही इतनी हुई कि अभी भी राहत व बचाव कार्य जारी ही है। लेकिन उस भूकंप के प्रकोप से लोग अभी उबर भी नहीं सके थे कि आज सुबह एक बार फिर जोरदार भूकंप के चलते अफगानिस्तान की धरती थर्रा गई।
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, आज (11 अक्टूबर) सुबह लगभग 06:11 बजे उत्तर-पश्चिमी अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 रही। इस भूकंप का केंद्र उत्तर-पश्चिम अफगानिस्तान की तरफ धरती से 10 किमी नीचे बताया जा रहा है।
वहीं अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण की मानें तो बुधवार सुबह आए इस भूकंप का केन्द्र हेरात प्रांत की राजधानी से लगभग 28 किलोमीटर दूर एक इलाके में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर रहा। बताया जा रहा है कि इस हालिया भूकंप के झटके के अफगानिस्तान के अलावा तुर्कमेनिस्तान और ईरान के बॉर्डर पर भी महसूस किए गए। फिलहाल आज सुबह आए इस तेज भूकंप के चलते हुए नुकसान के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
पिछले भूकंप से अब तक 4000 लोगों की मौत
इसके पहले शनिवार आए भयानक भूकंप को लेकर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि अब तक लगभग 4000 लोग मारे जा चुके हैं। अफगानिस्तान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता मुल्ला सैक ने मुताबिक, शनिवार के भूकंप के चपेट में आने से 20 से अधिक गाँवों के 2000 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य को लेकर लगभग 1,000 से अधिक बचावकर्मी प्रयास कर रहे हैं।
कैसे आता है भूकंप?
हमारी पृथ्वी कुल 7 तरह की टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। जब कहीं ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, रगड़ खाती हैं या एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, तो उस क्षेत्र में प्लेट्स के कोने मुड़ने आदि के चलते बनने वाले दबाव के कारण भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है। और जब यह ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है तो उस क्षेत्र में तनाव पैदा होता है और झटके महसूस किए जाते हैं, और इसे ही भूकंप का नाम दिया जाता है।
इस स्थान पर प्लेट्स में हलचल होती है, उसे भूकंप का केंद्र क़हते हैं। भूंकप को मापने के लिए सिस्मोग्राफ जैसे यंत्रो का इस्तेमाल किया जाता है। तथा इसको रिक्टर स्केल के पैमानें पर मापते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप का आँकलन 1 से 9 तक की माप के आधार पर किया जाता है।