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Amazon भारत में लॉन्च करेगा ‘सैटेलाइट ब्रॉडबैंड’ सर्विस, माँगी मंजूरी: रिपोर्ट  

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📷 Credit: Amazon.Com

Amazon To Offer ‘Broadband From Space’ Services In India?: जल्द ही भारत की सैटेलाइट कम्युनिकेशंस (सैटकॉम) इंडस्ट्री को ईकॉमर्स दिग्गज अमेज़न (Amazon) के रूप में एक नया खिलाड़ी मिल सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमेज़न द्वारा भारत में ‘ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस’ सेवाएं प्रदान करने के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) से मंजूरी माँगे जाने की खबर सामने आई है।

जी हाँ! इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो अमेज़न की सैटकॉम इकाई, प्रोजेक्ट कुइपर (Project Kuiper) देश के भीतर ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS) लाइसेंस हासिल करने के लिए दूरसंचार विभाग में आवेदन करने की तैयारी भी कर रहा है।

इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत में टेलाइट कम्युनिकेशंस (सैटकॉम) का बाजार तेजी से उभरता नजर आ रहा है। ऐसे में एलन मस्क के नेतृत्व वाले स्टारलिंक (Starlink) से लेकर, एयरटेल समर्थित वनवेब (OneWeb) और रिलायंस इंडस्ट्रीज का जियो सैटेलाइट (Jio Satellite) पहले ही कमर कस चुके हैं। और अब अमेज़न के आने से इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी।

दिलचस्प यह है कि वनवेब और जियो सैटेलाइट दोनों को पहले ही भारत में GMPCS लाइसेंस मिल चुका है, वहीं स्टारलिंक भी इसके लिए आवेदन कर चुकी है, जो रिपोर्ट्स के अनुसार एक अंतर-मंत्रालयी पैनल के अंतर्गत विचराधीन है।

Amazon Broadband Services In India

गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत ने साल 2023 की शुरुआत में ही इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई अंतरिक्ष नीति जारी की, और अब इसका असर भी दिखने लगा है। तमाम दिग्गज कंपनियाँ भारी निवेश के साथ देश के सैटकॉम बाजार में प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश में हैं।

असल में भारत द्वारा पेश की गई ‘अंतरिक्ष नीति 2023’ के तहत निम्न-पृथ्वी कक्षा (LEO) और मध्यम-पृथ्वी कक्षा (MEO) से संबंधित निजी सैटेलाइट ऑपरेटरों को देश में ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सेवा लॉन्च करने की अनुमति दी गई है। इसमें विदेशी कंपनियों को भी देश में इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और सैटेलाइट सेवाएं मुहैया करवाने की इजाज़त शामिल है। लेकिन ऐसा करने से पहले इन कंपनियों को IN-SPACe से मंजूरी लेनी होगी।

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भारत द्वारा लाई गई नई अंतरिक्ष नीति में IN-SPACe को सरकारी और निजी दोनों तरह की सैटकॉम कंपनियों की अंतरिक्ष गतिविधियों को अधिकृत करने से संबंधित एकमात्र एजेंसी के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया गया है।

अमेज़न की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी अपनी ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सर्विस के तहत 100 Mbps से लेकर 1 Gbps तक की ब्रॉडबैंड स्पीड के साथ ग्राहकों को कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करने की तैयारी में है, जो आगामी साल के अंत तक शुरू हो सकती है। माना जा रहा है कि अमेज़न और प्रोजेक्ट कुइपर अपने वैश्विक लॉन्च के साथ ही साथ भारत में भी सैटकॉम सेवाएं लॉन्च करने का प्रयास कर सकते हैं।

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