Now Reading
दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हिली धरती, महसूस किए गए भूकंप के झटके

दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हिली धरती, महसूस किए गए भूकंप के झटके

  • दिल्ली-एनसीआर से लेकर लखनऊ, हरियाणा, उत्तराखंड और जयपुर में भी भूकंप के झटकों का असर देखने को मिला है।
  • इस भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया जा रहा है, जिसकी तीव्रता लगभग 6.2 थी।
strong-earthquake-in-nepal-shakes-delhi-and-lucknow

Earthquake In Delhi NCR, Lucknow & Jaipur: मंगलवार (3 अक्टूबर) की दोपहर को उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर से लेकर लखनऊ, हरियाणा, उत्तराखंड और जयपुर तक में इसका असर देखे जाने की खबरें सामने आ रही हैं।

कुछ ही समय पहले लगभग दोपहर 2.25 बजे के करीब दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के पहले झटके दर्ज किए गए। लोगों ने काफी देर तक झटके महसूस किए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 बताई जा रही है।

सोशल मीडिया में सामने आ रही तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि भूकंप की तीव्रता को देखते हुए, दिल्ली, लखनऊ के तमाम इलाकों में लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए।

Earthquake In Delhi NCR: उत्तर भारत के अन्य इलाकों में भी आया भूकंप!

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी की मानें तो पहला भूकंप 2:25 पर आया, जबकि दूसरा लगभग आधे घंटे बाद 2:51 पर दर्ज किया गया। इस भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया जा रहा है, जो ज़मीन से 5-10 किमी नीचे रहा। तय बहुत जोरदार था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर लगभग 6.2 थी।

कई स्थानों पर लोगों ने 40 सेकंड से 1 मिनट तक भूकंप से झटके महसूस किए जाने की भी बात कही। ऐसे में दहशत इतनी थी कि लोग अपने घरों से भी बाहर निकल आए। तमाम लोग इस वक्त X (पूर्व में Twitter) पर भूकंप के झटकों के दौरान के हालातों और मची भगदड़ जैसी स्थितियों के वीडियो व तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं। इनमें से कई वीडियो ऐसे भी हैं, जिनमें आप भूकंप के झटकों से हिलते हुए पंखों आदि को भी साफ देख सकते हैं।

कैसे आता है भूकंप?

हमारी पृथ्वी कुल 7 तरह की टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। जब कहीं ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, रगड़ खाती हैं या एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, तो उस क्षेत्र में प्लेट्स के कोने मुड़ने आदि के चलते बनने वाले दबाव के कारण भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है। और जब यह ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है तो उस क्षेत्र में तनाव पैदा होता है और झटके महसूस किए जाते हैं, और इसे ही भूकंप का नाम दिया जाता है।

इस स्थान पर प्लेट्स में हलचल होती है, उसे भूकंप का केंद्र क़हते हैं। भूंकप को मापने के लिए सिस्मोग्राफ जैसे यंत्रो का इस्तेमाल किया जाता है। तथा इसको रिक्टर स्केल के पैमानें पर मापते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप का आँकलन 1 से 9 तक की माप के आधार पर किया जाता है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.