Bihar Caste Census Report Out: एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिहार राज्य सरकार ने सोमवार (2 अक्टूबर) के दिन जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी कर दी। ‘जाति आधारित जनगणना’ को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की मौजूदा महागठबंधन सरकार का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ माना जाता रहा है।
आपको बता दें, जातीय गणना से संबंधित इस रिपोर्ट को बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सार्वजनिक रूप से पेश किया। दिलचस्प ये है कि अब बिहार आधिकारिक रूप से ‘जातीय जनगणना’ के आँकड़े जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। साल 2024 में होने वाले आम चुनावों के लिहाज से इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों के द्वारा बनाए गए ‘इंडिया’ गठबंधन के भी एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है
Bihar Caste Census Report: क्या कहते हैं आँकड़े?
बिहार में जाति आधारित सर्वे की इस रिपोर्ट में राज्य की कुल मौजूदा आबादी भी सामने आ सकी है, जो 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है। धर्म के आधार पर वर्गीकृत करके देखें तो राज्य की कुल आबादी में हिंदू समुदाय 81.9%, मुस्लिम 17.7%, ईसाई 0.05%, सिख 0.01%, बौद्ध 0.08%, जैन 0.0096% तथा अन्य धर्म के लोग 0.12% की हिस्सेदारी रखते हैं। मतलब ये कि बिहार की कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी में लगभग 10.07 करोड़ हिंदू हैं, वहीं राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 2.31 करोड़ है।
जातीय जनगणना की रिपोर्ट के जरिए हुए खुलासों के मुताबिक, राज्य में सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की है। बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 36.01% (4,70,80,514) बताई गई है। वहीं पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12% (3,54,63,936), अनुसूचित जाति की कुल आबादी 19.65% (2,56,89,820), अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68% (21,99,361) और सामान्य वर्ग या अनारक्षित वर्ग की आबादी 15.52% (2,02,91,679) है।
राज्य के जातिवार आँकड़े
रिपोर्ट बताती है कि बिहार राज्य की कुल आबादी में यादव 14.26%, भूमिहार 2.86%, ब्राह्मण 3.65%, राजपूत 3.45%, कुशवाहा 4.21%, कुर्मी 2.87%, कायस्थ 0.60%, मुसहर 3.08% के हिस्सेदार हैं। बताते चलें कि बिहार में जातीय जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। वहीं इसका दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू किया, जिसे 15 मई को पूरा किया जाना था।
इस बीच राज्य के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने बताया कि बिहार राज्य में हुई गणना के तहत यह सामने आया कि राज्य के बाहर में रहने वालों की कुल संख्या 53 लाख से अधिक है। वहीं बिहार में रहने वालों की कुल संख्या 12 करोड़ से अधिक बताई गई।
बात पुरुषों की कुल संख्या की करें तो वह 6 करोड़ 41 लाख से अधिक है, और महिलाओं की जनसंख्या 6 करोड़ 11 लाख के आसपास है। गणना के मुताबिक, राज्य में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 953 है।
इस बीच रिपोर्ट के सामने आने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा;
“जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है।”
“जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।”