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Dream11 को झटका, मिला आज तक का सबसे बड़ा ‘टैक्स नोटिस’: रिपोर्ट

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Dream11 Gets Largest Ever Indirect Tax Notice In India: भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ‘दिन दूनी रात चौगुनी’ रूप से अपना विस्तार कर रही है। ऐसे में इस क्षेत्र से संबंधित ‘नियमों व क़ानूनों की स्पष्टता’ भी चर्चा का एक अहम मुद्दा बनकर उभरी है। और यह विषय एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि मामला देश के सबसे लोकप्रिय फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म में से एक – Deam11 से जुड़ा हुआ है।

सामने आ रही जानकारियों के अनुसार, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने कुछ ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों को कथित तौर पर लगभग ₹55,000 करोड़ के ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (GST) चोरी से संबंधित कुल एक दर्जन ‘पूर्व-कारण बताओ’ (प्री-शो कॉज़) नोटिस जारी किए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से एक नोटिस फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports को भी भेजा गया है। और इसे भारत के इतिहास में आज तक का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष (इनडायरेक्ट) टैक्स नोटिस बताया जा रहा है।

असल में मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक देश में सबसे बड़ा ‘इनडायरेक्ट टैक्स’ नोटिस ₹21,000 करोड़ का था, जिसे Gameskraft को भेजा गया था। लेकिन अब Dream11 को भेजा गया नोटिस इससे लगभग दोगुनी राशि (लगभग ₹40,000 करोड़) के आसपास का है। जबकि द इकोनॉमिक टाइम्स की मानें तो मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से मुंबई आधारित इस फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी को ₹25,000 करोड़ से अधिक का जीएसटी नोटिस भेजे जाने की बात सामने आई है।

इस मामले पर अब तक कंपनी की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है और ना ही कथित नोटिस की राशि की पुष्टि की गई है। आपको बता दें, फैंटेसी स्पोर्ट्स दिग्गज Dream11 ने वित्त वर्ष 2022 में ₹3,841 करोड़ के परिचालन राजस्व के साथ, ₹142 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।

खबर यह भी है कि Dream11 के अलावा कई अन्य कंपनियों को भी जीएसटी टैक्स से संबंधित ‘प्री-शो कॉज़’ नोटिस भेजे गए हैं। बताते चलें कि प्री-शो कॉज़ नोटिस के तहत संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा डीआरसी-01 ए फॉर्म के माध्यम से ‘देय योग्य टैक्स’ की सूचना जारी करने का काम किया जाता है।

रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि आने वाले हफ्तों में जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) इस तरह के कुछ और नोटिस जारी कर सकता है। सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि DGGI द्वारा रियल मनी गेमिंग कंपनियों को भेजे जा रहे जीएसटी टैक्स नोटिस का आँकड़ा ₹1 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है।

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क्या है नियम?

दिलचस्प रूप से यह नोटिस तब भेजे जा रहे हैं जब जुलाई 2023 में जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्स लगाने का फैसला किया था। यह टैक्स गेम-ऑफ-स्किल और गेम-ऑफ-चांस दोनों प्रकार के ऑनलाइन गेमों पर लगाया गया था। जीएसटी एक प्रकार का टैक्स है, जो अप्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं पर लगाया जाता है। ऐसे में गेमिंग प्लेटफॉर्म पर अगर कोई व्यक्ति ₹100 लगाना चाहता है, तो उसे कुल ₹128 अदा करने पड़ते हैं, क्योंकि ₹28 जीएसटी टैक्स के रूप में लिए जाएँगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने सभी राज्यों को 1 अक्टूबर, 2023 तक नई टैक्स दरें लागू करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी साफ किया गया था कि लागू किए जाने के छह महीने बाद, इस निर्णय की पुनः समीक्षा की जाएगी।

Dream11 Tax Notice: अदालत पहुँची कंपनी

इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आ रही जानकारियों के मुताबिक, Dream11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports ने कथित जीएसटी चोरी और टैक्स नोटिस के ख़िलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कंपनी ने प्राप्त नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत में एक रिट याचिका दायर की है।

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