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कोरोना से 20 गुना अधिक खतरनाक है ‘Disease X’, हो सकती हैं 5 करोड़ मौतें

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Disease X could be 20 times deadlier than COVID: ‘कोविड-19’ के चलते मची तबाही देखने के बाद, अब पूरी दुनिया ‘महामारी’ शब्द से ही डरने लगी है। आज भी किसी देश के लिए कोरोना महामारी से पूरी तरह उबरने का दावा करना मुश्किल नजर आता है। शायद इतना काफी नहीं था, जो अब एक और महामारी की आशंका जताई जाने लगी है।

जी हाँ! दावे के मुताबिक, अगली महामारी कोरोना वायरस से भी 20 गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है और इसके चलते लगभग 5 करोड़ लोग अपनी जान गँवा सकते हैं। यह दावा यूनाइटेड किंगडम (UK) के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से किया गया है।

क्या है अगली संभावित महामारी – Disease X?

हम बात कर रहे हैं ‘डिजीज X’ (Disease X) की, जिसका नामकरण खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने किया है। इस संभावित महामारी को लेकर कुछ चिंताजनक जानकरियाँ सामने आई हैं। डबल्यूएचओ का कहना है कि फिलहाल ‘डिजीज X’ को एक अज्ञात बीमारी के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके अंतरराष्ट्रीय महामारी का रूप ले सकने की संभावना बनी हुई है।

हुआ ये कि डेली मेल की एक हालिया रिपोर्ट में यूके वैक्सीन टास्क फोर्स की अध्यक्ष रह चुकी, केट बिंघम (Kate Bingham) का एक साक्षात्कार प्रकाशित किया गया, जिसमें उन्होंने इस नई संभावित महामारी के बारे में कुछ बातें कहीं।

केट बिंघम के अनुसार, अगर यह महामारी का रूप लेती है तो इसके चलते दुनिया भर में 5 करोड़ से अधिक मौतें दर्ज की जा सकती हैं। यह आँकड़ा प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या से दोगुना होगा। उन्होंने कहा कि अगर दुनिया को डिजीज X जैसी महामारी के खतरे से निपटना है, तो हमें बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयार होना होगा और सभी को रिकॉर्ड समय में खुराक प्रदान करनी होगी।

दावा किया गया है कि यह नई महामारी काफी हद तक 1918 से 1920 के बीच फैली विनाशकारी ‘स्पेनिश फ्लू’ महामारी की तर्ज पर तबाही मचा सकती है। इसको लेकर अभी भी वैज्ञानिकों के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि आखिर यह वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या किस कारण से हो सकती है? ऐसे तमाम सवालों का जवाब तलाशने के लिए अभी भी रिसर्च की जा रही है।

केट बिंघम ने अगली महामारी के लिए ‘वैश्वीकरण’ से लेकर ‘बड़े पैमानें पर जंगलों को काटे जाने’ और ‘शहरों में बढ़ती आबादी’ जैसे चीजों को संभावित कारणों के तौर पर चिन्हित किया। केट के अनुसार, इन कारणों की वजह से जानवरों से इंसानों तक वायरसों आदि का संक्रमण आसान बन जाता है।

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बताया गया कि वैज्ञानिकों ने 25 तरह के वायरस और उनसे संबंधित फैमिली का अध्ययन शुरू किया है, ताकि आगामी महामारी के कारणों, उसकी प्रकृति और समाधान के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जा सकें। इस दौरान जानवरों से इंसानों में हो सकने वाले संक्रमण संबंधी ख़तरों का भी गंभीरता से आँकलन किया जा रहा है।

यह पहली बार नहीं है कि जब दुनिया के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों या खुद डबल्यूएचओ ने मानव जाति को कोरोना के बाद, अगली महामारी के बारे में आगाह किया हो! इसके पहले भी डबल्यूएचओ की ओर से ऐसे बयान सामने आ चुके हैं कि अगली महामारी की शुरुआत जल्द हो सकती है।

लेकिन इतना स्पष्ट है कि ऐसी किसी भी महामारी का मुक़ाबला करने के लिए, ज़रूरी है कि दुनिया भर के तमाम देश साथ आकर वैक्सीन के निर्माण में एक-दूसरे का सहयोग करें, उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास करें, और वैक्सीनों को किफायती और टिकाऊ बना सकने की दिशा में शोध को बढ़ावा दें।

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