NSE Plans To Extend F&O Trading Hours?: भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। लेकिन मौजूदा समय में यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। इसके पीछे एक बड़ी वजह ये है कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय बढ़ सकने से संबंधी अटकलों ने तेजी पकड़ ली है।
जी हाँ! सामने आ रही खबरों के मुताबिक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने की तैयारी कर ली है और इसकी शुरुआत फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग से हो सकती है। इस बात का खुलासा इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में किया गया है।
जानकारी के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ट्रेडिंग के लिहाज से एक नए ‘शाम के सत्र’ को जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया है, जो संभवतः शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक के लिए हो सकता है। बता दें, वर्तमान में नियमित ट्रेडिंग सत्र का समय सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:30 बजे समाप्त हो जाता है।
लेकिन बाजार नियामक सेबी (SEBI) को भेजे गए कथित प्रस्ताव में NSE ने ट्रेडिंग समय को बढ़ाते हुए, दोपहर 3:30 बजे के बाद भी उपरोक्त प्रस्तावित समय के बीच फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग को जारी रख सकनें का आग्रह किया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि NSE बाद में इस सत्र को रात 11:30 बजे तक बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
NSE Plans To Extend F&O Trading Hours: क्या हो सकती है वजह?
ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने के पीछे NSE की एक मंशा वैश्विक घटनाओं और मार्केट पर पड़ सकने वाले उनके प्रभाव के प्रति भारतीय व्यापारियों को तेज प्रतिक्रिया दिखाने का मौका देने की हो सकती है। यह भारतीय बाजार को कुछ मायनों में ग्लोबल मार्केट से जोड़ने का एक अवसर साबित हो सकता है।
इसके साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लिए ‘गिफ्ट सिटी’ जैसे प्रतिद्वंदी भी एक चुनौती बनकर उभर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फिलहाल गिफ्ट सिटी आदि में NSE के मुक़ाबले लम्बें ट्रेडिंग समय के साथ ही अन्य सहूलियतें भी दी जा रहीं हैं, जिससे बड़े व्यापारियों द्वारा इन विकल्पों का रूख किया जा सकता है।
NSE ने SEBI को भेजा प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने संबंधित ट्रेडिंग समय को बढ़ाने से जुड़ा अपना प्रस्ताव भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को भेज दिया है। और अब बस सेबी से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार है।
सामने आ रही है मिली-जूली प्रतिक्रियाएँ
ट्रेडिंग समय के बढ़ सकने की इस खबर को बाजार में मिली-जूली प्रतिक्रियाएँ मिल रहीं हैं। कुछ लोग इसे भविष्य के लिहाज से लाभदायक बता रहे हैं तो कुछ जानकारों का कहना है कि इसके अपने कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं।
इसके पक्ष में बोलने वालों का तर्क ये है कि ट्रेडिंग का समय बढ़ने पर ब्रोकर्स की ब्रोकरेज बढ़ जाएगी और साथ ही निवेशकों को भी एंट्री और एग्जिट के लिए अधिक समय व कमाई का ज्यादा मिल सकेंगे। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ट्रेडिंग समय का विस्तार करने से ‘ट्रेडिंग वॉल्यूम’ में उतना फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। साथ ही इसके चलते लागत और कर्मचारियों में बीच असंतोष बढ़ने का खतरा हो सकता है।