Central Government Office Space Cleared Of Clutter: पिछले कुछ सालों से केंद्र सरकार के दफ्तरों में फैली अव्यवस्था, लंबित फाइलों व कबाड़ के निपटान को लेकर तमाम कोशिशें की जा रही हैं। और इसी संदर्भ में अब कुछ आँकड़े सामने आए हैं, जो सभी देशवासियों को हैरान करने के लिए काफी हैं!
असल में, सामने आए आँकड़ो के मुताबिक, बीतें दो सालों में कुछ विशेष अभियानों के तहत केंद्र सरकार के दफ्तरों (कार्यालयों) में व्याप्त अव्यवस्था और कबाड़ की सफाई के क्रम में कुल 423 एकड़ जगह खाली की जा चुकी है। अधिक स्पष्टता के लिए इसको ऐसे भी समझा जा सकता है, कि बीतें दो साल में सरकारी दफ्तरों से जितनी जमीन खाली करवाई गई, वह आकार में लगभग 320 फुटबॉल मैदानों के बराबर है।
यह सफलता सरकार ने अपने पिछले संबंधित अभियानों के चलते हासिल की है। लेकिन केंद्र सरकार यहीं नहीं रुकना चाहती है, शायद इसलिए केंद्र अब एक नए अभियान की भी शुरुआत करने जा रही है।
स्पेशल कैंपेन 3.0 (Special Campaign 3.0)
केंद्र सरकार ने आगामी 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच ‘ स्पेशल कैंपेन 3.0’ आयोजित करने का मन बनाया है, जिसके तहत संस्थागत स्वच्छता पर मुख्य फोकस रखते हुए, सभी दफ्तरों में लंबित मामलों व उससे जुड़ी फाइलों को कम करने और रिकॉर्ड प्रबंधन व आंतरिक निगरानी तंत्र को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान की निगरानी के लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के मौजूदा आँकड़ो की मानें तो केंद्र सरकार के मंत्रालयों के अधीन व उनसे संलग्न कार्यालयों में करीब 90 प्रतिशत फाइलों को अब ‘इलेक्ट्रॉनिक मोड’ में तैयार करने का काम किया जा रहा है।
Central Government Office Space Cleared Of Clutter
आँकड़े बताते हैं कि बीतें तीन सालों में सरकार द्वारा ई-फ़ाइलों के इस्तेमाल में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है। उदाहरण के स्वरूप, साल 2020 में विभिन्न मंत्रालयों में ई-फाइलों की कुल संख्या 14.27 लाख के क़रीब थी, जो जून, 2023 तक बढ़कर 31.90 लाख तक पहुँच गई।
इसके चलते कार्यालयों में भौतिक फाइलों पर निर्भरता को कम करते हुए अधिक से अधिक स्थान खाली करने में मदद मिलेगी और साथ ही लंबित सार्वजनिक शिकायतों के निपटारे, दफ्तरों के सौंदर्यीकरण और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
आँकड़ो पर नजर डालें तो अक्टूबर, 2021 से जुलाई, 2023 के बीच देशभर में केंद्र सरकार के कार्यालयों में कुल 184.66 लाख वर्ग फुट या 423 एकड़ जगह खाली हो सकी है। अभियान के तहत सरकारी कार्यालयों के पुराने कंप्यूटर, प्रिंटर, डेस्क, टेबल, अलमारी और वाहन समेत तमाम चीजों को दफ़्तर से बाहर करते हुए, उन्हें खुले बाजार में ‘स्क्रैप’ या ‘कबाड़’ के रूप में बेच दिया गया।
आपको यह जानकर शायद आश्चर्य होगा कि इस कबाड़ को बेचने की प्रक्रिया के चलते सरकार को लगभग ₹595.57 करोड़ की कमाई हुई। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी द्वारा साझा की गई जानकारी ने अनुसार, भारतीय सेना द्वारा ओपन मार्केट में इस्तेमाल किए गए ट्रकों को भी बेचा गया, जिसके चलते ₹212 करोड़ प्राप्त किए गए।
इस दौरान कागज़ की फाइलों को या तो टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया, या फिर उन्हें भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (NAI) को भेज दिया गया। सफाई अभियान के बीच ब्रिटिश शासन के समय की भी कुछ अहम फाइलें मिली थीं, जिनमें से एक बँटवारे से संबंधित थी। इन दस्तावेजों को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दिया गया।
यह भी सामने आया है कि सरकार द्वारा डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में, दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए जो ‘ई-ऑफिस’ प्रणाली शुरू की गई, उसके तहत अब तक 84 मंत्रालयों और विभागों में से 75 मंत्रालयों में यह पूरी अपनाई जा चुकी है।