India vs Canada – Other Countries’ Reactions: हाल के दिनों में भारत और कनाडा के रिश्तों में लगी आग की आँच अब दुनिया के अन्य देशों को भी महसूस होने लगी है। खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में खुद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर उठाए गए सवालों की वजह से ना सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है, बल्कि एक-दूसरे के ख़िलाफ की जा रही कार्यवाहियों के चलते मामला गंभीर होता जा रहा है।
मामले को तूल पकड़ता देख, रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कनाडा ने अपने सहयोगी देशों के साथ इस पर चर्चा शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कनाडा के पीएम ट्रूडो ने खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तक को मामले से अवगत कराया है। लेकिन वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत स्थिति को देखते हुए, कोई भी देश सीधे तौर पर कनाडा के साथ खड़े होने से बचता नजर आ रहा है।
क्या है मामला?
असल में 18 जून 2023 को खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख मानें जाने वाले कनाडाई नागरिक ‘हरदीप सिंह निज्जर’ (Hardeep Singh Nijjar) की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित एक सिख सांस्कृतिक केंद्र के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जाँच कनाडाई खुफिया एजेंसियों की सौंपी गई।
लेकिन घटना के कुछ महीनों बाद, हाल में जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की संसद में एक विवादित बयान दिया गया, जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा। अपने बयान में ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह की हत्या में भारत का हाथ होने की आशंका जताई। इतना ही नहीं बल्कि कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक पर कार्रवाई करते हुए, उन्हें देश से निष्कासित कर दिया। इसके पहले कनाडा ने भारत के साथ व्यापार वार्ताओं पर भी विराम लगाते हुए, एक व्यापार मिशन को रद्द कर दिया था।
इसके जवाब में, भारत ने सबसे पहले कनाडा के तमाम आरोपों का खंडन किया, और कुछ ही समय के भीतर जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को पाँच दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दे दिया। साथ ही भारत ने कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों (मुख्य रूप से छात्रों) के लिए एक एडवाजरी जारी करते हुए, उन्हें अत्यधिक सावधानी बरतने तक की सलाह दे डाली।
भारत ने कनाडा के लिए बंद की वीज़ा सेवा
भारत ने अगले आदेश तक कनाडा के लिए वीज़ा सेवा को बंद कर दिया गया है। BLS इंडिया वीज़ा एप्लिकेशन सेंटर की वेबसाइट में लिखा है कि 21 सितंबर 2023 से अगले आदेश तक सभी वीज़ा सेवाओं को सस्पेंड किया जा रहा है। इसके पीछे परिचालन संबंधी कारणों का हवाला दिया गया है।
कनाडा को नहीं मिल रहा सहयोगियों का अपेक्षित साथ?
इस मामले में भारत के जवाबी आक्रामक रूख को देखते हुए, अब कनाडा की कोशिश वैश्विक सहयोग हासिल करने की है। लेकिन ऐसा लगता है कि फिलहाल कोई भी देश भारत के ख़िलाफ खड़ा होता दिखाई नहीं देना चाहता!
सामने आई जानकारी के मुताबिक, निज्जर की हत्या के मामले को कनाडा ने ‘फाइव आईज‘ संगठन में उठाया और यह प्रयास किया कि इस संगठन में शामिल देश मसले पर सार्वजनिक रूप से भारत की आलोचना करें। परंतु कनाडा को कुछ पुख्ता हाथ नहीं लगा। असल में ‘फाइव आई’ संगठन में कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड देश शामिल हैं। इस संगठन को आपस में खुफिया जानकारी साझा करने से लेकर अन्य तमाम बहुपक्षीय सहयोगों के लिए बनाया गया था।
अब तक इन देशों की प्रतिक्रिया आई सामने
शुरुआत करते हैं अमेरिका से जिसने एक आधिकारिक बयान में सिर्फ इतना कहा कि वह कनाडा के साथ लगातार संपर्क में है। साथ ही अमेरिका ने भारत से जांच में सहयोग करने का आग्रह करते हुए अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की बात भी कही।
जाहिर है, अमेरिका भी दोनों देशों के बीच हुए विवाद में प्रतिक्रिया देते वक्त काफी सोच-समझकर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहता है। इसके अपने कारण भी हैं! तमाम वैश्विक मोर्चों पर चीन को चुनौती देने के लिए अमेरिका ‘भारत’ को एक अहम सहयोगी के रूप में देखता आया है। यह एक बड़ी वजह है कि अमेरिका भारत को नाराज कर सकने वाली कोई टिप्पणी करने से बचना चाहता है।
वहीं इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों पर चिंता व्यक्त की। भारत, जापान और अमेरिका के साथ क्वाड समूह के चौथे सदस्य ऑस्ट्रेलिया की ओर से कहा गया;
“हम मानते हैं कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और कानूनों का सम्मान करना चाहिए। और इसलिए हमनें भारत के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष भी अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।”
वहीं ब्रिटेन समेत कई देशों ने इस मामले में कनाडा की ओर से की जा रही जाँच का हवाला देते हुए, फिलहाल किसी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं समझा। समझने वाली बात ये भी है कि अमेरिका, ब्रिटेन व अन्य तमाम देशों के लिए मौजूदा रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के नजरिए से भी भारत काफी अहम है। भारत उन चुनिंदा शक्तिशाली देशों में से एक है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भी ‘गुटनिरपेक्ष’ छवि बनाए हुए है, और वार्ता व अन्य प्रयासों के लिहाज से एक अहम कड़ी साबित हो सकता है।
लेकिन जानकारों के अनुसार, अगर कनाडा और भारत के बीच की खटास इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो कई अन्य देशों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।