Govt Launches Skill India Digital Platform: इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत तमाम क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति का गवाह बन रहा है, फिर चाहें बात ‘पेमेंट’ से लेकर ‘हेल्थ’ या किसी अन्य ही इंडस्ट्री की क्यों ना हो! दिलचस्प ये है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन की अभी शुरुआत मात्र मानी जाती है और ऐसे में आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित डिजिटल कौशल की माँग तेजी से बढ़ने की संभावना है।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अब भारत सरकार ने डिजिटल टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री स्किल पर ध्यान देने तथा कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) को अधिक आसान व व्यापक बनाने के लिए ‘स्किल इंडिया डिजिटल’ (Skill India Digital) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है।
बता दें यह प्लेटफॉर्म केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लॉन्च किया गया, साथ ही मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी उपस्थित रहे।
क्या है Skill India Digital प्लेटफॉर्म?
केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए इस प्लेटफॉर्म को देश में चले आ रहे ‘डिजिटल इंडिया’ (Digital India) और ‘स्किल इंडिया’ (Skill India) प्रोग्रामों के समागम के तौर पर देखा जा रहा है। इसके तहत स्किल, एजुकेशन, रोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप आदि को डिजिटल आयाम प्रदान करते हुए, देश में चल रही सभी डिजिटल स्किल संबंधित पहलों को एक मंच पर लाने का काम किया गया है। ये भी कहा जा सकता है कि यह सभी सरकारी कौशल और उद्यमिता पहलों के लिए, केंद्र द्वारा पेश किए गए एक व्यापक सूचना प्रवेश की तरह काम करेगा।
‘स्किल इंडिया डिजिटल’ नामक इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत लोगों को प्रासंगिक कौशल विकास पाठ्यक्रम, नौकरी के अवसर और उद्यमिता आदि के लिहाज से मदद मिलेगी। स्किल इंडिया डेवलपमेंट (SID) प्रोग्राम के ज़रिए स्किलिंग, एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एंटरप्रेन्योरशिप आदि को डिजिटल रूप प्रदान करने में भी तेजी आएगी।
केंद्रीय मंत्री ने सरकार के इस नए ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म को लॉन्च करते हुए, इसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की विकास की दिशा में भारत का एक और अहम कदम बताया। उन्होंने कहा;
“विश्व स्तर पर ‘पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर’ और ‘डिजिटल स्किल’ के बीच को अंतराल को कम करने के लिए भारत की वकालत पर आम सहमति देश की सफल G20 प्रेसीडेंसी का भी केंद्र बिंदु रही थी।”
जाहिर है भारत की कोशिश खुद को एक वैश्विक पटल पर एक ‘ग्लोबल स्किल हब’ के रूप में स्थापित करने की है, और सरकार का यह कदम इन प्रयासों में मील का पत्थर साबित होगा।
गौर करने वाली बात ये भी है कि कंपनियाँ स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए, किसी भी कैंडिडेट का बार कोड स्कैन करके, उसका सीवी (CV) भी प्राप्त कर सकती हैं, ताकि नौकरी देने की प्रक्रिया को तेज व आसान बनाया जा सके। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करने वाले सभी छात्रों और उम्मीदवारों को अलग-अलग ‘पर्सनलाइज़्ड क्यूआर कोड’ मुहैया करवाए जाएगें।
इतना ही नहीं बल्कि सेवाओं को सरल बनाने के लिए इसमें ‘आधार/एआई आधारित फेशियल ऑथेंटिकेशन’ से लेकर, ‘डिजिटल वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट’, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित रिकमेंडेशन, आधार आधारित e-KYC, डिजिटल स्टडी, मोबाइल फर्स्ट एप्रोच, व्हाट्सएप चैटबॉट आदि सुविधाएँ जोड़ी गई हैं।
यह भी बताया गया कि स्किल डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म के तहत पेश की जा रही अतिरिक्त सुविधाओं में व्यक्तिगत सीखने के अनुभव, स्ट्रीमलाइन वेरफिकेशन प्रोसेस और बेहतर करियर मार्गदर्शन की सुविधाएँ भी शामिल हैं।
इसके जरिए छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी स्किल हासिल करने, इंडस्ट्री में चल रहे ट्रेंड आदि को लेकर अपडेट रहने और देश के वर्कफोर्स डेवलपमेंट की प्रक्रिया को अगले स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी। यह इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2025 तक $1 ट्रिलियन के आँकड़े को भी पार कर सकती है।