PM Justin Trudeau Facing Criticism in Canada: इस साल भारत की अध्यक्षता में आयोजित हुए ‘G-20 शिखर सम्मेलन’ में शामिल होने दिल्ली आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के विमान में आई तकनीकी खराबी के चलते, वह अभी भी अपने देश के लिए रवाना नहीं हो सकें हैं। असल में G-20 समिट के बाद तय योजना के मुताबिक रविवार को ही ट्रूडो भारत से वापस रवाना होने वाले थे। लेकिन विमान में आई गड़बड़ी के चलते, अब प्रधानमंत्री ट्रूडो को वापस ले जाने के लिए कनाडा से दूसरा विमान मंगाया गया है।
लेकिन ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ट्रूडो के लिए फिलहाल यह सबसे बड़ी समस्या नहीं है, क्योंकि कनाडा में ही इससे बड़ी चुनौती उनका इंतजार कर रही है। जी हाँ! G-20 समिट और भारत के साथ हाल में रिश्तों में आई खटास के चलते अब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ अपने घर में ही आलोचनाओं कि स्वर उठने लगे हैं।
कनाडा की मीडिया से लेकर विपक्ष के नेताओं तक, सभी प्रधानमंत्री ट्रूडो पर अपने देश की फजीहत करवाने के आरोप लगा रहे हैं।
PM Justin Trudeau पर कनाडा की मीडिया ने ली चुटकी
G-20 समिट के बाद से ही मानों कनाडा की मीडिया ने अपने ही देश के प्रधानमंत्री के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। तमाम मीडिया एजेंसियों ने यह खबर चलाई कि G-20 समिट के दौरान मेजबान भारत समेत अन्य तमाम देशों द्वारा जस्टिन ट्रूडो को उपेक्षित किया गया।
कनाडा के लोकप्रिय अखबार टोरंटो सन (Toronto Sun) ने पीएम मोदी द्वारा पीएम ट्रूडो को एक ओर रास्ता दिखाते हुए छापी गई तस्वीर के साथ व्यंग्यात्मक रूप से टाइटल लिखा – “This Way Out’!
इतना ही नहीं बल्कि ठीक इसी टाइटल के नीचे अखबार ने लिखा कि
“ट्रूडो को यह पता लग गया कि भारत में जी-20 में उनके कुछ ही दोस्त हैं”
अखबार के इस हिस्से को X (पूर्व में Twitter) पर शेयर करते हुए, कनाडा के मुख्य विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे (Pierre Poilievre) ने लिखा;
”पक्षपात को दरकिनार करते हुए, किसी को भी यह पसंद नहीं आएगा कि बाकी दुनिया कनाडाई प्रधानमंत्री को बार-बार अपमानित करे”
Putting partisanship aside, no one likes to see a Canadian prime minister repeatedly humiliated & trampled upon by the rest of the world. pic.twitter.com/TOR3p4gKgn
— Pierre Poilievre (@PierrePoilievre) September 10, 2023
कनाडा के राजनेताओं का आरोप, ट्रूडो ने ‘भारत के साथ व्यापारिक रिश्तें’ में पैदा किया तनाव
कनाडा में सस्केचेवान प्रांत के प्रमुख स्कॉट मो (Scott Moe) ने सोमवार को एक ट्वीट करते हुए, व्यापार और निर्यात विकास मंत्री – जेरेमी हैरिसन (Jeremy Harrison) द्वारा कनाडा के संघीय व्यापार मंत्री को लिखे गए एक पत्र को साझा किया। अपने ट्वीट में स्कॉट मो ने लिखा
“क्या ट्रूडो को यह एहसास भी है कि वह हमारे सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक, भारत के साथ हमारे व्यापार संबंधों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं?”
आप यह पूरा पत्र यहाँ पढ़ सकते हैं 👇
Does Trudeau even understand the damage he is doing to our trade relationship with India – one of our most important trading partners?
Trade and Export Development Minister Jeremy Harrison wrote to the federal Trade Minister last Friday to explain it. pic.twitter.com/3dcDMz8XFz
— Scott Moe (@PremierScottMoe) September 11, 2023
कहाँ से पैदा हुआ विवाद?
जानकारों का मानना है कि कनाडा में बढ़ता अनियंत्रित खालिस्तानी उग्रवाद असल में ‘भारत और कनाडा के बीच बढ़ते मतभेद’ की मुख्य वजह है। यह भी सामने आया कि G20 शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कथित रूप से भारत के साथ एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित किए जाने का अनुरोध किया था, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बजाय, प्रधानमंत्री ट्रूडो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक अलग बैठक के लिए समय दिया गया।
माना जा रहा है कि द्विपक्षीय बैठक के दौरान ट्रूडो की कोशिश थी कि कनाडा के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे को विस्तार से उठाया जाए। असल में सीबीसी न्यूज से की गई बातचीत के दौरान पीएम ट्रूडो ने कहा था कि वर्तमान में रूस और चीन के साथ-साथ अन्य देशों ने भी कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिशें शुरू कर दी हैं और भारत भी उनमें से एक है।
बता दें, भारत सरकार की ओर से इस दावे को खारिच कर दिया गया था। यह मुद्दा असल में कनाडा में लगातार सामने आ रही खालिस्तान चरमपंथ की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। हाल में कनाडा में खालिस्तान आंदोलन दिन-ब-दिन तेजी पकड़ता प्रतीत हो रहा है, जिसको लेकर भारत भी अपनी चिंताए प्रकट करता रहा है। इन्हीं तनावों के बीच G20 की बैठक से पहले कनाडाई पीएम ने विदेशी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए भारत के साथव्यापारिक समझौते पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद से ही कनाडाई राजनेताओं ने इस कदम की आलोचना शुरू कर दी।