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विनियमित संस्थाओं के साथ काम करने के लिए ‘फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स’ को करना होगा रजिस्ट्रेशन: SEBI प्रमुख

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Finfluencers must register with SEBI?: इंटरनेट की दुनिया में तेजी से लोकप्रिय होते ‘फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स’ (Finfluencers) को भारत में कुछ नए नियमों का सामना करना पड़ सकता है। इसको लेकर पिछले कुछ समय से अटकलों का बाजार काफी गर्म रहा है।

लेकिन इन सब के बीच अब SEBI की प्रमुख, माधबी पुरी बुच का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) से डील करने या विनियमित संस्थाओं के साथ काम करने के इच्छुक ‘फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स’ को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराना होगा।

सेबी चेयरपर्सन का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब बीते 25 अगस्त को ही नियामक संस्था की ओर से एक परामर्श पत्र (कंसल्टेशन पेपर) जारी किया था, जिसमें संस्था के साथ विनियमित संस्थाओं और गैर-पंजीकृत ‘फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स’ के बीच की साझेदारियों को सीमित करने का प्रस्ताव भी शामिल था।

Finfluencers must register with SEBI If…?

ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल 2023 के दौरान, SEBI चेयरपर्सन, माधबी पुरी बुच ने कहा;

“हमारा (इस विषय को लेकर) बहुत स्पष्ट रूख है। हम आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं और इसलिए यदि आप SEBI के दायरे से बाहर रहना चाहते हैं तो इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है।”

“लेकिन अगर आप प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) से संबंधित काम या विनियमित संस्थाओं के साथ साझेदारी करना चाहते हैं, तो आपको हमारे पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा।”

असल में इंटरनेट की बढ़ती दुनिया में ‘धोखाधड़ी’ और ‘गलत सलाह’ के चलते लोगों को हो रहे वित्तीय नुक़सान के बढ़ते मामलों के चलते फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स हाल में सेबी के रडार पर दिखाई पड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स बिना किसी उचित लाइसेंस या स्किल के, लोगों को किसी विशेष संपत्ति या ऐप पर निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं।

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देश में पंजीकृत संस्थाओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ऐसे फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर्स के साथ किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं रखेंगे, फिर चाहे उसका स्वरूप मौद्रिक हो या गैर-मौद्रिक!

यह सब इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों पर लगाम लागने के लिए कोई पुख्ता नियामक ढांचा या दिशानिर्देश मौजूद नहीं है। इसलिए ऐसी कोशिशें की जा रही हैं, जिससे सोशल मीडिया पर फैल रहे ऐसे तमाम गलत सुझावों को रोका जा सके, जो लोगों को वित्तीय तौर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

T+1 सेटलमेंट सिस्टम की जल्द होगी विदाई?

इस बीच T+1 सेटलमेंट सिस्टम को लेकर सेबी चेयरपर्सन ने साफ किया कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जहाँ यह सिस्टम लागू हुआ। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अब 1 घंटे में ट्रेड सेलटमेंट करने संबंधी सिस्टम को लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।

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