AMD To Invest $400 Million In India: दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनियों में से एक AMD ने अब भारत में भारी निवेश का ऐलान किया है। कंपनी ने आज देश के भीतर अनुसंधान एवं विकास और इंजीनियरिंग ऑपरेशन आदि के विस्तार को लेकर आने वाले पांच सालों में लगभग $400 मिलियन (~ ₹3,200 करोड़) का निवेश प्रतिबद्धता जताई है।
निवेश की घोषणा खुद AMD के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, मार्क पेपरमास्टर (Mark Papermaster) ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वार्षिक सेमीकॉन इंडिया (Semicon India) 2023 प्रोग्राम के उद्घाटन के दौरान की।
बता दें इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी उपस्थिति रहे।
इस मौके पर AMD के अधिकारी ने यह भी बताया कि यह सेमीकंडक्टर दिग्गज कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सुविधा के साथ बेंगलुरु में एक नया कैम्पस स्थापित करने की भी योजना बना रही है।
माना जा रहा है कि इस निवेश के साथ ही कंपनी भारत में लगभग 3,000 से अधिक इंजीनियरिंग संबंधित नौकरियाँ देने और एक बड़ा डिजाइन सेंटर बनाने का भी काम करेगी। बता दें कंपनी ने इसके लिए साल 2028 तक का लक्ष्य चुना है।
AMD के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर ने कहा;
“कंपनी के पास सीपीयू सर्वर डेटा सेंटर, जीपीयू गेमिंग ग्राफिक्स, पीसी, एडैप्टिव कंप्यूटिंग और एम्बेडेड डिवाइसों का एक विशाल पोर्टफोलियो है। और इस नए निवेश के जरिए अब हम अपने पोर्टफोलियो और क्षमताओं का व्यापक विस्तार कर सकेंगे। हम बड़े पैमानें पर AMD प्रोडक्ट्स में एआई प्रसंस्करण क्षमताओं को जोड़ने का काम कर रहे हैं।”
“हमारी भारतीय टीम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों नजरिए से, एआई और मशीन लर्निंग क्षमताओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती नजर आएगी।”
यह इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि AMD पिछले 23 सालों से भारत के सेमीकंडक्टर ईको-सिस्टम का एक अहम और सक्रिय हिस्सा रही है।
भारत में कंपनी की पहली साइट नई दिल्ली में स्थापित की थी। और अब लगभग 500,000 वर्ग फुट वाला नाँय बेंगलुरु परिसर बनने के बाद, देश के भीतर कंपनी के कुल ऑफ़िसों की संख्या 10 हो जाएगी, जिसमें बेंगलुरु, दिल्ली, गुड़गांव, हैदराबाद और मुंबई जैसे शहर शामिल हैं।
हम सब जानते हैं कि भारत बीते कुछ सालों से वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग का हब बनने के प्रयास कर रहा है। साल 2021 में केंद्र सरकार ने चिप निर्माता कंपनियों को देश में प्लांट लगाने आदि को लेकर आकर्षित करने के लिए $10 बिलियन तक के प्रोत्साहन समर्थन का ऐलान किया था। वैसे फिलहाल सरकार ने अपेक्षित प्रतिक्रिया ना मिलने के चलते इस योजना में कुछ बदलाव किए हैं।