Google Accuses CCI Of Protecting Amazon: देश में एक बार फिर गूगल (Google) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं। लेकिन इस बार गूगल ने CCI पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जी हाँ! टेक दिग्गज गूगल (Google) का आरोप है कि कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने इसको अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव करने संबंधित जो निर्देश जारी किए थे, वह ‘सिर्फ और सिर्फ’ इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी अमेजन (Amazon) को बचाने के लिए दिए गए थे। इस बात का खुलासा Reuters की एक रिपोर्ट में किया गया है।
क्या है मामला?
असल में इस मामले की शुरुआत Amazon और Google के बीच Fire OS को लेकर हुए विवाद से होती है। Amazon ने जाँच के दौरान CCI को यह शिकायत की थी कि Google के तमाम प्रतिबंधों और कानूनी कागजातों की मांग के चलते, कंपनी अपने संशोधित एंड्रॉइड वर्जन – Fire OS को डेवलप नहीं कर सकी।
वहीं सामने आई रिपोर्ट के हवाले से, Google ने इसको लेकर अदालत में अपनी फाइलिंग में यह कहा है;
“वैश्विक स्तर पर, FireOS अपने खराब यूजर एक्सपीरिएंस के चलते कॉमर्शियल रूप से विफल साबित हुआ, ना कि Google के प्रतिबंधों की वजह से। भारत में तो Fire Phone को भी लॉन्च नहीं किया जा सका था।”
लेकिन Google का कहना है कि CCI ने चीजों को व्यापक ढंग से समझे बिना Amazon पर भरोसा किया और उसके खिलाफ फैसला सुनाया।
‘Google’ Vs ‘CCI + Amazon’
हुआ ये था कि CCI ने पिछले साल अक्टूबर को जारी अपने आदेश में Google को अपने बिजनेस मॉडल में 10 अहम बदलाव करने के लिए कहा था। इनमें से एक था कि कंपनी अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के संशोधित वर्जन – जिसे एंड्रॉइड फोर्क्स (Android Forks) कहा जाता है – को गूगल ऐप्स की प्री-इंस्टॉलेशन से संबंधित किसी भी लाइसेंसिंग प्रतिबंध व रुकावट के बिना डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति दे।
बता दें CCI ने तब यह कहा था कि जाँच के मुताबिक, गूगल स्मार्टफोन बाजार में 97 फीसदी तक की हिस्सेदारी रखता है और अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के चलते अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है।
Google ने CCI के फैसले को दी है शीर्ष अदालत में चुनौती
CCI के फैसले से असंतुष्ट Google ने देश में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अपनी लेटेस्ट याचिका में CCI द्वारा की गई ‘एंड्रॉइड जाँच’ के तरीके पर ही सवाल खड़े किए हैं।
इसके पहले, बीतें साल दिसंबर की शुरुआत में निचली अदालत में एक याचिका दायर करते हुए Google का कहना था कि CCI के अधिकारियों ने अपने निर्देशों के कुछ हिस्सों को सीधे-सीधे यूरोपीय नियामक के फैसले से ‘कॉपी पेस्ट’ कर लिया है।
ऐसे में अब Google का सीधे CCI की जाँच पर सवाल उठाना और Amazon को मदद करने के आरोप लगाना, कई गंभीर प्रश्न खड़े करता है। भारत तमाम टेक दिग्गज कंपनियों के लिए एक बहुत बड़ा बाजार है, और Google जैसी कोई भी कंपनी ऐसे बाजार के भीतर अपने बिजनेस मॉडल में इतने व्यापक बदलाव आसानी से तो नहीं करने वाली!