Mojocare vs Investors: पहले से ही निवेश की कमी या कहें तो ‘फंडिंग विंटर’ जैसे हालातों की मार झेल रहा भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम बीतें कुछ समय से मौजूदा निवेशकों के भरोसे को भी खोता नजर आ रहा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल में कई ऐसे बड़े मामले सामने आए हैं, जिनमें निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो वाले स्टार्टअप में ही ‘वित्तीय अनियमितताओं’ का शक जताया हो।
और ऐसा ही एक और उदाहरण सामने आया है हेल्थ-टेक स्टार्टअप Mojocare के रूप में, जिसके तमाम दिग्गज निवेशकों जैसे Sequoia Surge (अब Peak XV Partners), B Capital और Chiratae Ventures ने कंपनी में ‘वित्तीय अनियमितताओं’ के सामने आने की बात कही है।
Investors found financial irregularities at Mojocare: निवेशकों ने क्या कहा?
निवेशकों की ओर से रविवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया;
“हम Mojocare की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। अभी भी तमाम पहलुओं का विश्लेषण जारी है, लेकिन शुरुआती निष्कर्षों में ‘वित्तीय अनियमितताओं’ का खुलासा हुआ है, और इसके चलते फिलहाल यह समझ आ रहा है कि स्टार्टअप द्वारा अपनाया गया व्यवसाय मॉडल “विभिन्न प्रकार के परिचालन और बाजार कारणों के चलते टिकाऊ नहीं था।”
वैसे निवेशकों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्हें स्टार्टअप की वित्तीय स्थिति की जाँच करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई। लेकिन यह जरूर बताया गया कि वे स्टार्टअप के परिचालन में कमी या कटौती करेंगे।
मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, पिछले 1-2 महीनों से निवेशकों द्वारा स्टार्टअप का फाइनेंशियल फॉरेंसिक ऑडिट किया जा रहा था।
यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है जब हाल में ही कंपनी ने अपनी कर्मचारियों की संख्या में 80% तक की कटौती करते हुए, लगभग 170 लोगों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के छंटनी के इस कदम को यह कहते हुए सही ठहराया कि यह उसके आर्थिक रूप से अधिक दक्ष बन सकने के लिए जरूरी था।
Mojocare के बारे में
बता दें, Mojocare मुख्य तौर पर सेक्शुअल वेलनेस सेगमेंट में काम करता है और पुरुषों के सेक्शुअल हेल्थ से संबंधित उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करता है। कंपनी अब तक कुल $24 मिलियन का निवेश हासिल कर चुकी है और सबसे हालिया निवेश दौर में इसकी वैल्यूएशन लगभग $70-75 मिलियन तक आँकी गई थी।
भारतीय स्टार्टअप्स में देखा जा रहा है ये नया पैटर्न
गौर करने वाली बात ये है कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के घेरे में आने वाला Mojocare पहले भारतीय स्टार्टअप नहीं है, इसके पहले BharatPe, GoMechanic, Zilingo, Trell, Byju’s आदि नामी स्टार्टअप्स भी किसी ना किसी रूप में अपने ही निवेशकों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर चुके हैं या कर रहे हैं।
GoMechanic में तो संस्थापकों ने खुद बिक्री के आँकड़ो को बढ़ा-चढ़ा कर दिखने के लिए उनके अकाउंट्स की संख्या में हेरफेर की बात स्वीकार की थी।
ऐसे में सवाल के बनता है कि क्या इस पैटर्न को देखते हुए, पहले से ही चुनौतियों से घिरे दिखाई दे रहे स्टार्टअप जगत में निवेशकों, नियामकों और उद्योग हितधारकों का भरोसा बरकरार रह पाएगा, या फिर यह सब चीजें नए सिरे से निरीक्षण, पारदर्शिता और जवाबदेही जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत की ओर एक इशारा हैं?