Startup Funding – Everest Fleet: मुंबई आधारित भारतीय फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी Everest Fleet ने दुनिया के दिग्गज कैब सेवा प्रदाताओं में से एक – Uber के नेतृत्व में $20 मिलियन (लगभग ₹164 करोड़) का निवेश हासिल करने का ऐलान किया है।
यह निवेश इस लिहाज से भी इतना खास हो जाता है क्योंकि यह Uber द्वारा किसी भारतीय स्टार्टअप में किए गए पहले ‘प्रत्यक्ष निवेशों’ (डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट्स) में से एक है।
इस बीच बात करें Everest Fleet की तो यह कंपनी प्राप्त की गई इस ताजा पूँजी का इस्तेमाल अपने परिचालन का विस्तार करने और राइड-शेयरिंग क्षेत्र में बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए करेगी। इसके साथ ही कंपनी नए शहरों व भौगोलिक क्षेत्रों में भी संचालन का आगाज करने की योजना बना रही है।
Everest Fleet की शुरुआत साल 2016 में की गई थी, और यह कंपनी भारत के शेयर्ड-मोबिलिटी क्षेत्र में काम करती है। आपको शायद हैरानी हो कि यह कंपनी Uber के साथ ही साथ Ola जैसी राइड-शेयरिंग कंपनियों के भी भागीदारों की सूची में शामिल है।
इस नए निवेश को लेकर Everest Fleet के संस्थापक सिद्धार्थ (Siddharth Ladsariya) ने कहा;
“यह निवेश हमें आने वाले पाँच सालों में हमारे मौजूदा सीएनजी-वर्चस्व वाले वाहन बेड़े को ‘सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों’ के मजबूत बेड़े में बदलने में सहयोग करेगा। हमारा लक्ष्य आगामी साल 2026 तक अपने कुल बेड़े में लगभग 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने का है।
यह कंपनी फिलहाल 10,000 से अधिक ड्राइवरों को अपने साथ जोड़े हुए है और देश के मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई सहित सात शहरों में अपना संचालन कर रही है। कंपनी आने वाले समय में नए भारतीय शहरों के साथ ही साथ अपनी वैश्विक उपस्थिति दर्ज करवाने की दिशा में भी काम कर रही है।
दिलचस्प ये है कि Uber द्वारा किया गया यह निवेश इसकी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेवाओं को बढ़ावा देने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
असल में कुछ समय पहले ही इस अमेरिकी मोबिलिटी कंपनी ने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में Uber Green सर्विस की शुरुआत की, जिसके तात उपयोगकर्ता अपने आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक कारों का अनुरोध कर सकते हैं।
गौर करने वाली बात ये है कि इस योजना के तहत Everest Fleet, Lithium Urban Technologies और Moove जैसे Uber के साझेदार आने वाले दो सालों में, टॉप सात शहरों में लगभग 25,000 इलेक्ट्रिक वाहन तैनात करेंगे, जिससे ईवी आधारित शेयर्ड-मोबिलिटी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके।