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चीनी मोबाइल कंपनियों को सरकार ने दिए भारतीय सीईओ नियुक्त करने के निर्देश: रिपोर्ट

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China Phone Brands Will Have Indian CEOs?: ऐसा लगता है कि पिछले कुछ सालों में लगभग 250 से अधिक लोकप्रिय चीनी ऐप्स को बैन करने के बाद, भारत सरकार अब चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं पर भी नकेल कसने की तैयारी कर रही है।

जी हाँ! सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने भारत में अपना संचालन करने वाली चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों के लिए नए नियमों का खाका तैयार किया है।

असल में इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने तमाम चीन आधारित मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को देश में प्रमुख पदों जैसे सीईओ, सीओओ, सीएफओ और सीटीओ आदि पर भारतीय व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए कहा है।

इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने चीनी कंपनियों को भारतीय कांट्रैक्ट मैन्युफ़ैक्चरर्स के साथ सहयोग को बढ़ाने और, भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यमों के तहत स्थानीय विनिर्माण का विस्तार करने और स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर्स को शामिल करने जैसे निर्देश भी दिए हैं।

इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से यह भी खुलासा किया गया है कि कि चीनी कंपनियों को स्पष्ट रूप से ‘टैक्स चोरी’ जैसी प्रथाओं को ना अपनाने और सभी भारतीय कानूनों का पालन करने की सलाह भी दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार इन कंपनियों में सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग में ही नहीं बल्कि सेल्स, मार्केटिंग जैसे सभी स्तरों पर भारतीय इक्विटी पार्टनर चाहती है।

क्यों खास है ये समय?

असल में यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में जब हाल में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा आयोजित बैठकों में सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों ने Xiaomi, Oppo, Realme और Vivo जैसे चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इन बैठकों में प्रतिनिधि के रूप में उद्योग लॉबी समूह, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने भी भागीदारी की।

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दिलचस्प रूप से MeitY द्वारा इन बैठकों का आयोजन ऐसे समय में किया गया जब कई चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं पर टैक्स चोरी जैसी कुछ अवैध वित्तीय प्रथाओं को अपनाने के कथित आरोपों की जाँच चल रही है।

इसी के साथ ही देश के ऑफलाइन रिटेल विक्रेता भी लगातार सरकार से अनुचित ढंग से कंपनियों द्वारा की जा रही ‘ऑनलाइन ऑफर्स व छूट’ जैसी पेशकशों को बंद करने की माँग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उन्हें भारी ऑनलाइन छूट आदि के चलते बाजार में प्रतिस्पर्धा के समान अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।

China Phone Brands with Indian CEOs?: क्या हो सकती है सरकार की मंशा?

गौर करने वाली बात ये है कि मौजूदा समय में चीन की कई स्मार्टफोन कंपनियाँ भारत में पूर्ण स्वामित्व के तहत संचालन कर रही हैं। ऐसे में सरकार की यह कोशिश हो सकती है कि इन कंपनियों को स्थानीय प्रतिभाओं को शामिल करने और देश को एक ‘एक्सपोर्ट बेस’ के तौर पर विकसित करने के लिए कहा जाए।

हम सब जानते हैं कि फिलहाल भारत सरकार देश को दुनिया के सबसे अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने के प्रयास कर रही है। इसके लिए मेक-इन-इंडिया, पीएलआई जैसी तमाम योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

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