India will regulate AI?: मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सबसे अधिक चर्चा में रहने वाला विषय बन चुका है। लेकिन दिलचस्प ये है कि इसके फायदों से कहीं अधिक, लोग इस तकनीक के द्वारा हो सकने वाले संभावित नुकसानों को लेकर बात कर रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार भी इस विषय पर गंभीर नजर आ रही है।
असल में आज इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने पिछले नौ वर्षों के दौरान सरकार द्वारा डिजिटलीकरण के मामले में देश में किया जा रहे प्रयासों को लेकर एक प्रेस वार्ता की, और देश के तकनीकी विकास को लेकर तमाम बातें सामने रखीं।
इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल एकोसिस्टम में भी नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एआई को ठीक वैसे ही रेगुलेट किया जाएगा, जैसा देश में अन्य क्षेत्रों में उभरती तकनीकों के संदर्भ में किया गया है।
उदाहरण के रूप में उन्होंने हाल ही में घोषित किए गए ‘ऑनलाइन गेमिंग नियमों’ का जिक्र किया और बताया कि कैसे नए गेमिंग नियमों में उपयोगकर्ताओं को गेमिंग से हो सकने वाले नुकसानों जैसे कि लत, सट्टेबाजी आदि से बचाने के प्रयास किए गए हैं।
राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक, डिजिटल रूप से भी नागरिकों को किसी भी तरीके का नुकसान न पहुंचे, इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नियमों व उचित रेगुलेशन की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने सख्त शब्दों में कहा;
“या तो वो (एआई कंपनियाँ) उपयोगकर्ता को हो सकने वाले नुकसान को कम करें या फिर उन्हें देश में संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
“इंटरनेट की जहरीली और आपराधिक प्रवृत्ति में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को सफल नहीं होने दे सकते हैं।”
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने ‘डॉकिंग’ यानी ‘बिना सहमति के इंटरनेट पर व्यक्तियों की निजी जानकारी पोस्ट करना” जैसे अपराधों को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल भारत में लगभग 85 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, और साल 2025 तक यह आँकड़ा 120 करोड़ तक हो जाने की उम्मीद है। जाहिर है इतने बड़े उपयोगकर्ता आधार वाले बाजार में एक तेजी से लोकप्रिय हो रही तकनीक पर संबंधित नियामकों को ध्यान देने की जरूरत है।
लेकिन राजीव चंद्रशेखर का यह बयान इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि एक दिन पहले ही लोकप्रिय एआई चैटबॉट ChatGPT बनाने वाले कंपनी OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
ऑल्टमैन के मुताबिक, मुलाकात के दौरान पीएम मोदी से एआई आधारती संभावनाओं के साथ ही साथ रेगुलेशन को लेकर भी चर्चा हुई। इसको लेकर प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करते हुए लिखा;
“भारत के टेक जगत को आगे ले जाने में एआई की क्षमता वाकई प्रभावशाली है, खासकर युवाओं के बीच में! हम ऐसे सभी सहयोगों का स्वागत करते हैं, जिसके चलते देश के नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में डिजिटल परिवर्तन को गति मिलेगी।”
Thank you for the insightful conversation @sama. The potential of AI in enhancing India’s tech ecosystem is indeed vast and that too among the youth in particular. We welcome all collaborations that can accelerate our digital transformation for empowering our citizens. https://t.co/OGXNEJcA0i
— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2023
वहीं केंद्रीय मंत्री की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि ‘डिजिटल इंडिया बिल’ पर सरकार इसी महीनें तमाम हितधारकों के साथ विचार-विमर्श शुरू करेगी। साथ ही नए पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल को भी जल्द संसद में पेश करने की बात कही गई।