Tesla Agrees To Set Up Vendor Base In India: ऐसा लगता है कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) और भारत सरकार के बीच का गतिरोध अब जल्द खत्म होने जा रहा है।
असल में सामने आ रही जानकारियों के मुताबिक, ईलॉन मस्क (Elon Musk) के नेतृत्व वाली टेस्ला (Tesla) ने भारत सरकार की ओर से दिए गए सुझाव पर सैद्धांतिक रूप से अपनी सहमति जताई है। इस सहमति का मतलब ये है कि कंपनी भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग करने के साथ ही साथ देश के भीतर अपना ‘विक्रेता आधार’ (वेंडर बेस) भी स्थापित करेगी।
इस बात का खुलासा फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक नई रिपोर्ट के जरिए हुआ है। खबर के मुताबिक, सरकार का सुझाव यह है कि कंपनी पहले घरेलू स्तर पर अपनी इलेक्ट्रिक कारों की असेंबली का काम शुरू कर सकती है, इसके बाद वह देश में ‘वेंडर बेस’ स्थापित करते हुए तय शर्तों को पूरा कर सकती है।
लेकिन कंपनी के रूख से ऐसा लगता है कि वह देश में घरेलू विक्रेता आधार (वेंडर बेस) तैयार करने में देरी नहीं करेगी, क्योंकि कंपनी मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन को अलग-अलग करके आगे बढ़ने में यकीन नहीं करती है।
दिलचस्प ये है कि फिलहाल टेस्ला वैश्विक स्तर पर आधे से ज़्यादा प्रोडक्शन चीन में ही करती है, जहाँ इसने एक व्यापक विक्रेता आधार भी तैयार किया है। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा व्यापारिक तनाव को देखते हुए, तमाम अन्य कंपनियों की तरह ही अब टेस्ला भी वैकल्पिक जगह की तलाश में है। हालाँकि इतना जरूर है कि आने वाले समय में अभी भी टेस्ला के लिए चीन अहम स्थान बना रहेगा।
लेकिन भारत के परिपेक्ष में बात की जाए तो, कंपनी द्वारा जताई गई सहमति की यह खबर ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिनों पहले सूत्रों के हवाले से यह सामने आया था कि भारत में कारों की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सरकार ने कंपनी से माँगा ‘रोडमैप’ संबंधी ब्यौरा माँगा है।
तब बताया गया था कि टेस्ला को देश के भीतर अपना विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने और घरेलू विक्रेता आधार विकसित करने से संबंधित एक ‘प्रोजेक्ट ब्लू-प्रिंट’ सरकार के सामने पेश करने के लिए कहा गया है।
कंपनी द्वारा पेश की जा सकने वाली इस रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद ही सरकार यह तय करेगी कि इस अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को देश में किस तरह की रियायतें प्रदान की जा सकती हैं।
Tesla To Set Up Vendor Base In India: कहाँ फँसा है पेंच?
आपको शायद याद हो कि टेस्ला भारत में अपनी शुरुआत को लेकर बेहद उत्साहित तो है, लेकिन पिछले कुछ समय से कंपनी और भारत सरकार के बीच ‘आयात शुल्क’ में रियायतों को लेकर असहमति के चलते मामला अटका पड़ा है।
लेकिन अब जब कंपनी सरकार की कुछ शर्तों पर कथित रूप से सहमति जताते हुए नजर आ रही है, ऐसे में भारत सरकार भी अपने रुख को थोड़ा नरम कर सकती है।
वैसे फिलहाल सरकार द्वारा टेस्ला को कोई रियायत देने जैसी बात सामने नहीं आई है, लेकिन इतना जरूर है कि सरकार यह नहीं चाहेगी की दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता भारतीय बाजार से दूरी बनाए रहे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि देश में टेस्ला का आगाज और खासकर इसका मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगने से हजारों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे और सरकार के मेक-इन-इंडिया प्लान को भी मजबूती मिलेगी।