No Angel Tax for Indian Startups?: मौजूदा समय में ‘फंडिंग विंटर’ जैसे हालात भारत समेत दुनिया भर के स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं। बीतें कुछ समय से स्टार्टअप फंडिंग डील्स की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है। भारतीय स्टार्टअप्स से भी अब विदेशी निवेशकों ने हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं।
लेकिन इन सब के बीच अब भारत सरकार से इन स्टार्टअप्स को एक बड़ी राहत देने का फैसला किया है। असल में ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड’ या ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज’ (CBDT) ने 21 देशों की एक सूची जारी की है, जहाँ से आने वाले निवेशों पर अब एंजल टैक्स (Angel Tax) देने की जरूरत नहीं होगी।
जी हाँ! एंजल टैक्स से छूट पाने वाले इन 21 देशों की लिस्ट में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्पेन, ऑस्ट्रिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, इजरायल, इटली, आइसलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन का नाम शामिल हैं।
लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इन लिस्ट में सिंगापुर, नीदरलैंड और मॉरीशस जैसे कुछ अहम देशों को जगह नहीं दी गई है, ऐसे में यहाँ से आने वाले निवेशकों पर अभी भी यह टैक्स लगता रहेगा। ये इसलिए थोड़ा निराशाजनक कहा जा सकता है, क्योंकि ये कुछ देश भारत को मिलने वाली एफडीआई में एक बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं।
किन निवेशकों को मिलेगा लाभ?
सामने आ रही जानकारियों के मुताबिक, एंजल टैक्स पर मिलने वाली इस छूट का लाभ वह निवेशक उठा सकेंगे, जो SEBI की कैटेगरी-1 के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, एंडॉवमेंट फंड, पेंशन फंड और ब्रॉड बेस्ड पूल्ड इन्वेस्टमेंट व्हीकल्स आदि लिस्ट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स शुमार हैं।
No Angel Tax on Indian Startups: कब से लागू होगा ये फैसला?
दिलचस्प बात ये है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के द्वारा जारी यह नोटिफिकेशन 1 अप्रैल 2023 से ही प्रभावी हो गया है। मतलब साफ है कि इस नोटिफिकेशन के जारी होने से पहले के पात्र निवेशों पर भी इस छूट का लाभ लिया जा सकेगा बशर्ते निवेश 1 अप्रैल 2023 के बाद किया गया हो।
जैसा हमनें पहले ही बताया की यह समय कई मायनों में अहम हो जाता है। एक तो पहले से ही स्टार्टअप फंडिंग में कमी की समस्या सामने खड़ी हुई है, ऊपर से हाल में कुछ विदेशी निवेशकों ने दिग्गज भारतीय स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन में भारी कटौती तक की हैं।
हाल में मूल्यांकन (वैल्यूएशन) में कटौती का सामना करने वाले भारतीय स्टार्टअप्स की सूची में PharmEasy, Pine Labs, Swiggy, Ola और BYJU’S जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
बजट सत्र से उठा था मुद्दा
गौर करने वाली बात ये है कि फरवरी में इस साल के बजट सत्र के दौरन वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने यह घोषणा की थी कि गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में विदेशी निवेश को एंजल टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन बजट में DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में होने वाले निवेशों को भी एंजल टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया था।
और अब सीबीडीटी ने कुछ निवेशकों को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया, जो एंजल टैक्स से जुड़े प्रावधानों के दायरे में नहीं आएंगे।