Google Will Delete Inactive Accounts: आज अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो एक से अधिक गूगल, या कहें तो जीमेल (Gmail) अकाउंट्स बनाते हैं और बाद में सिर्फ एक ही अकाउंट को मुख्य रूप से इस्तेमाल करते हैं और बाकी के अकाउंट्स यूँ ही पड़े रह जाते हैं। अक्सर ऐसे अकाउंट्स के पासवर्ड कहीं नोट करके, इन अकाउंट्स को जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करने के इरादे से छोड़ दिया जाता है।
लेकिन अब आपके ऐसे तमाम अकाउंट्स डिलीट होने जा रहे हैं। जी हाँ! टेक दिग्गज गूगल (Google) ने अपनी पॉलिसी में बड़े बदलाव करते हुए, खुद इस बात का ऐलान किया है।
किन अकाउंट्स को किया जाएगा डिलीट?
नई पॉलिसी के तहत गूगल ने कहा है कि वह ऐसे सभी अकाउंट को डिलीट कर देगा, जो पिछले 2 सालों से एक्टिव नहीं होंगे। साफ कर दें कि एक्टिव ना होने से यहाँ गूगल का मतलब उन अकाउंट्स से है, जिन्हें बीते दो सालों में एक बार भी लॉग-इन नहीं किया गया हो।
इतना ही नहीं बल्कि इस अकाउंट्स से संबंधित डॉक्स (Docs), ड्राइव (Drive), मीट (Meet), कैलेंडर, यूट्यूब (YouTube) और गूगल फोटोज (Google Photos) के डेटा को भी हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाएगा।
Google Will Delete Inactive Accounts: कब से होगी शुरुआत?
बताते चलें कि कंपनी इसकी शुरुआत दिसंबर 2023 से करेगी। मतलब ये है कि दिसंबर 2023 से यह देखा जाएगा की कौन कौन से ऐसे इनएक्टिव अकाउंट्स हैं जिनको यूजर्स द्वारा पिछले दो सालों में एक बार भी लॉग-इन नहीं किया गया है।
सिर्फ पर्सनल अकाउंट्स होंगे प्रभावित
गौर करने वाली बात ये है कि गूगल के इस फैसले से सिर्फ पर्सनल गूगल अकाउंट ही प्रभावित होंगे। इसमें स्कूल, ऑर्गेनाइजेशन आदि बिजनेस अकाउंट्स को शामिल नहीं किया जा रहा है।
वैसे गूगल ने यह घोषणा अचानक नहीं की है। इसके पहले साल 2020 में भी कंपनी ने इनएक्टिव अकाउंट से संबंधित कंटेंट को हटाने की बात कही थी, लेकिन तब अकाउंट को ही डिलीट करने का ज़िक्र नहीं किया गया था।
वैसे ऐसे अकाउंट्स को डिलीट करने से पहले कंपनी उन यूजर्स को नोटिफिकेशन भी भेजेगी और उन्हें रिकवरी आदि विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
क्या है कारण?
गूगल ने इस कदम के पीछे प्राइवेसी संबंधित खतरे को एक बड़ी वजह बताया है। कंपनी के अनुसार, ऐसे अकाउंट्स जिन्हें बीते दो सालों से इस्तेमाल नहीं किया गया, उनमें “टू-स्टेप-वेरिफिकेशन” नहीं होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। और ऐसे में पर्सनल डेटा चोरी खोने का भी खतरा बढ़ जाता है।
कंपनी की मानें तो इसी तरह की डेटा चोरी को रोकने के लिए यह कदम उठाने का फैसला लिया गया है। कंपनी की सलाह है कि लोग अपने अकाउंट्स में टू-स्टेप-वेरिफिकेशन एक्टिव कर लें और हर दो साल में कम से कम एक बार लॉग-इन करके ईमेल पढ़ना या भेजना आदि तमाम काम करते रहें।
ट्विटर ने भी उठाया है ऐसा ही कदम
दिलचस्प ये है कि कुछ ही दिनों पहले ट्विटर (Twitter) को लेकर ईलॉन मस्क (Elon Musk) ने भी ऐसा ही कुछ ऐलान किया है, जिसमें यह कहा गया है कि बीतें कुछ सालों से इस्तेमाल नहीं किए जा रहे ट्विटर अकाउंट्स को डिलीट करके अर्काइव में डाल दिया जाएगा।