Vodafone Layoffs Over 11,000 Employees: साल 2023 में बड़ी संख्या में छंटनियों का दौर जारी है, और तमाम टेक दिग्गज कंपनियों के बाद, इस लिस्ट में अब टेलीकॉम सेक्टर की प्रमुख कंपनी भी शामिल हो गई है।
जी हाँ! हम बात कर रहे हैं वोडाफोन (Vodafone) की, जिसने अब एक ही झटके में 11,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि मौजूदा समय में इतने बड़े पैमानें पर छंटनी करने वाली यह पहली टेलीकॉम कंपनी बन गई है।
इस कदम की जानकारी खुद हाल में वोडाफोन की सीईओ बनी, मार्गेरिटा डेला वैले (Margherita Della Valle) ने दी और बताया कि कंपनी आने वाले 3 सालों में ग्यारह हजार नौकरियों में कटौती करेगी।
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, कंपनी की इस छंटनी (Layoffs) के चलते दुनिया भर के देशों में कार्यरत इसके कर्मचारी प्रभावित होंगे, जिससे शायद भारत भी अछूता ना रहे। हालाँकि भारत में इसके प्रभाव को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है।
बताते चलें कि भारत में वोडाफोन और आइडिया साथ मिलकर Vi ब्रांड के तहत टेलीकॉम सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं, और देश में भी जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel) के मुकाबले Vi का प्रदर्शन बहुत शानदार नहीं कहा जा सकता है।
Vodafone Layoffs 11,000 Employees: क्यों पड़ी जरूरत?
सामने आया है कि वोडाफोन (Vodafone) कुछ सालों से कारोबार में लगातार गिरावट दर्ज कर रही है। कंपनी की सीईओ के अनुसार, वोडाफोन का वार्षिक राजस्व भी फ्लैट रहा है और उन्होंने खुद कंपनी का प्रदर्शन अच्छा ना होने की बात स्वीकार की है।
वोडाफोन की सीईओ के मुताबिक;
“अपनी सेवाओं को जारी रखने के लिए, वोडाफोन को बड़े बदलाव की जरूरत है। हमारी कोशिश है कि हम जटिलता को कम करते हुए अपने संगठन को सरल बनाएं और फिर से प्रतिद्वंदियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करनें में सक्षम हो सकें।”
देखा जाए तो आज से लगभग दो दशक पहले तक वोडाफोन दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी मानी जाती थी, इसने वर्ष 2000 में सबको चौंकते हुए, एक ऐतिहासिक डील के तहत $190 बिलियन में जर्मनी के Mannesmann का अधिग्रहण भी किया था।
लेकिन लगभग 21 देशों में कारोबार और अन्य 46 स्थानों में स्थानीय ऑपरेटरों के साथ साझेदारी रखने वाली ये कंपनी एक लम्बें समय से बाजार में हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है।
कंपनी की पिछले साल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसके पास दुनिया भर में लगभग 104,000 कर्मचारी हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो यह अगले तीन सालों में इनमें से लगभग 10% (~ 11,000) कर्मचारियों की नौकरी से निकालने जा रही है।