India among top countries requesting to remove content from Twitter: मौजूदा समय में भारत समेत दुनिया भर में ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ बहस का एक बड़ा विषय बनी हुई है। इसको लेकर तमाम बुद्धिजीवियों का आरोप रहता है कि आज के समय की तमाम सरकारें लगातार अपनी आलोचनाओं का दमन करती नजर आती हैं, खासकर ‘सोशल मीडिया’ प्लेटफॉर्म के संदर्भ में!
इसको लेकर, अक्सर सरकारों का तर्क रहता है कि वह महज ‘भड़काऊ कंटेंट’, ‘गलत तथ्यों’ या ‘अफवाहों’ पर नकेल कसने के प्रयास करती हैं। इन सब चर्चाओं के बीच अब लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, ट्विटर (Twitter) ने एक दिलचस्प रिपोर्ट पेश की है।
असल में ट्विटर (Twitter) द्वारा पेश की गई इस नई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ‘भारत’ पिछले साल यानी 2022 में जनवरी से लेकर जून के बीच कंपनी से कंटेंट हटाने का अनुरोध करने वाले टॉप-4 देशों में शामिल रहा। आपको बता दें, इस रिपोर्ट में पेश किए गए आँकड़े संबंधित देशों की सरकारों द्वारा कंटेंट को हटाने को लेकर कानूनी रूप से किए गए अनुरोध को दर्शाते हैं।
ईलॉन मस्क (Elon Musk) के मालिकाना हक वाली इस कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि रिपोर्टिंग पीरियड (जनवरी से जून, 2022) के दौरान कंटेंट को हटाने के लिए सबसे अधिक अनुरोध करने वाले टॉप चार देशों में जापान, दक्षिण कोरिया, तुर्की और भारत का नाम शुमार है।
ट्विटर ने यह भी खुलासा किया कि जनवरी से जून 2022 के बीच इसे दुनिया भर की विभिन्न सरकारों द्वारा तरह-तरह के कंटेंट हटाने के लिए कुल लगभग 53,000 कानूनी अनुरोध (लीगल रिक्वेस्ट) भेजी गई।
दिलचस्प ये है कि भारत 2022 की पहली छमाही के दौरान सबसे अधिक “यूजर डेटा” की माँग करने वाला देश भी रहा। सोशल मीडिया कंपनी के मुताबिक, इस अवधि के दौरान उपयोगकर्ताओं के अकाउंट संबंधित जानकारी मांगने वाले टॉप-5 देशों में भारत, अमेरिका, फ्रांस, जापान और जर्मनी शामिल रहे।
India among top countries requesting to remove content – Twitter
उपयोगकर्ता के अकाउंट संबंधित डेटा को लेकर दुनिया भर के 85 से अधिक देशों की सरकारों से ट्विटर को कुल करीब 16,000 अनुरोध प्राप्त हुए।
रिपोर्ट बताती है कि संबंधित अवधि (जनवरी-जून, 2022) के दौरान ट्विटर को उपयोगकर्ताओं के लगभग 6,586,109 कंटेंट हटाने पड़े थे, क्योंकि यह ट्विटर के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। यह आँकड़ा साल 2021 की दूसरी छमाही के मुकाबले 29% अधिक था।
इस दौरान हटाए गए अधिकतर ट्वीट्स ‘हेटफुल पोस्ट’, ‘दुर्व्यवहार या उत्पीड़न’, ‘बाल यौन शोषण’ या ‘संवेदनशील मीडिया’ आदि से जुड़े हुए थे।
गौर करने वाली बात ये है कि ट्विटर के मुताबिक, जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के वेरिफाईड अकाउंट हैंडल्स से किए गए ट्वीट्स को हटाने के लिए भारत ने सबसे अधिक अनुरोध किए थे।
आँकड़ो की बात करें तो मीडिया संस्थानों और पत्रकारों द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट को हटाने के लिए लगभग 3,900 कानूनी अनुरोध किए गए थे।
यह इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि इसी अवधि के दौरान ट्विटर कुछ कंटेंट हटाने के निर्देशों को लेकर भारत सरकार के साथ कानूनी लड़ाई में व्यस्त रहा था। यह भी साफ करना जरूरी है कि इस अवधि के दौरान पराग अग्रवाल ही ट्विटर के सीईओ के रूप में काम कर रहे थे, जबकि मस्क द्वारा कंपनी का अधिग्रहण अक्टूबर 2022 में किया गया था।