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भारत में हेल्थ Influencers को बतानी पड़ेगी अपनी ‘क्वालिफिकेशन’ – रिपोर्ट

भारत में हेल्थ Influencers को बतानी पड़ेगी अपनी ‘क्वालिफिकेशन’ – रिपोर्ट

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Govt To Mandate Health Influencers To Disclose Qualification: भारत में इंटरनेट बाजार बहुत व्यापक रूप ले चुका है और इसका आकार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार इंटरनेट के तमाम आयामों के संबंध में नियमों का नया खाँका तैयार करने की कोशिश कर रही है।

इसी क्रम में अब यह खबर भी सामने आ रही है कि सरकार जल्द देश के भीतर स्वास्थ्य (हेल्थ एंड वेलनेस) इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) के लिए एक विशेष प्रावधान लागू करने जा रही है।

नए संभावित नियमों के तहत, हेल्थ या वेलनेस कैटेगॉरी से संबंधित प्रोडक्ट्स व प्रथाओं को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) के लिए जल्द अपनी योग्यताओं (क्वालिफिकेशन) का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इतना ही नहीं बल्कि इन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) को अपनी योग्यताओं (क्वालिफिकेशन) को इस तरह से प्रदर्शित करना होगा, ताकि उनके दर्शक आसानी से उसे देख व समझ सकें।

Govt To Mandate Health Influencers To Disclose Qualification: Report 

असल में Business Standard को दिए गए एक इंटरव्यू में भारत सरकार में उपभोक्ता मामलों (कंज्यूमर अफेयर्स) के विभाग के सचिव, रोहित कुमार सिंह ने बताया;

“सरकार की कोशिश है कि स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण से संबंधित ब्रांडों और उत्पादों को बढ़ावा देने वाले इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) के लिए नए दिशानिर्देशों को लागू किया जाए, ताकि रेग्युलेशन के उच्च मानक स्थापित किए जा सकें। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये तमाम ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालते हैं।”

“अगर आप सार्वजनिक रूप से किसी को यह बता रहे हैं कि यह भोजन अच्छा है या बुरा है या फिर यह दवा अच्छी है, तो आपको इसके योग्य होना चाहिए और साथ ही यह खुलासा भी करना चाहिए कि आप कैसे ऐसा कहने के योग्य हैं।”

माना ये जा रहा है कि सरकार के इस संभावित कदम के पीछे का उद्देश्य यह है कि कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) द्वारा जाने-अनजाने में साझा की जाने वाली गलत सूचनाओं या झूठे दावों पर लगाम लगाई जा सके और साथ ही उनकी जवाबदेही भी तय की जा सके।

यह कदम बेशक दर्शकों या उपभोक्ताओं के लिए काफी मददगार होगा, क्योंकि आज कल तमाम सवलों के जवाब इंटरनेट पर खोजने वाले लोग सटीक और भरोसेमंद जानकारी हासिल कर पाएँगे।

असल में कई ऐसे पेशेवर चिकित्सक हैं, जो फिलहाल इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) की तर्ज पर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल करते हुए, लोगों का मार्गदर्शन करने या उन्हें सलाह देने का काम कर रहे हैं।

लेकिन इसके साथ ही, सोशल मीडिया मंचो पर कई अन्य लोग भी इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) बनकर बिना किसी पेशेवर डिग्री या योग्यता के ऐसी कोशिशें कर रहे हैं, जो कई बार लोगों की सेहत से खिलवाड़ का कारण भी बन सकता है।

आपको याद ही होगा कि इस साल की शुरुआत में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने सभी इन्फ्लुएंसर्स (Influencers) के लिए प्रमोशनल पोस्ट को लेबल करना अनिवार्य बनाते हुए, ब्रांड के साथ अपने संबंधों और प्रचार सामग्री की प्रकृति का खुलासा करने से जुड़े नियम जारी किए थे।

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इन नियमों के तहत इंफ्लुएंसर्स (Influencers) को अपने कंटेंट में एक डिस्क्लेमर (Disclaimer) देना भी अनिवार्य कर दिया गया था, अगर उस कंटेंट के लिए;

  • उन्होंने ब्रांड प्रमोशन के लिए पैसे लिए हों।
  • ब्रांड की ओर से प्रमोशन के लिए कोई फ्री प्रोडक्ट या गिफ्ट आदि दिया गया हो।
  • वह ब्रांड प्रमोशन का कवरेज कर रहे हों या फिर मीडिया पार्टनर हों।
  • अगर उस कंपनी या प्रोडक्ट में उनकी हिस्सेदारी हो।

नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में ₹10 लाख तक का और दूसरी बार में ₹50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े इन संभावित नियमों की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि महामारी के बाद से भारत समेत दुनिया भर में ऑनलाइन कंटेंट की खपत में इज़ाफा हुआ है और कई लोग YouTube, Instagram जैसे मंचों का इस्तेमाल करते हुए, भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से जुड़े हेल्थ प्रोडक्ट्स और सलाह/ सुझाव देने लगे हैं, और यह कंटेंट बड़ी संख्या में लोगों द्वारा देखे जाते हैं।

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