Dunzo Layoffs & Funding: ऐसा लगता है कि भारी निवेश हासिल करने के बाद भी कुछ स्टार्टअप्स ‘लागत में कटौती’ करने से पीछे हटने वाले नहीं हैं। इसका एक ताजा उदाहरण बनकर सामने आया है भारतीय ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म Dunzo, जिसके कथित रूप से कुछ ऐसा ही किया है।
असल में सामने आ रही खबरों के मुताबिक, ऑनलाइन ग्रोसरी आदि सामानों की डिलीवरी सुविधा देने वाले स्टार्टअप Dunzo ने कन्वर्टिबल नोट्स के तहत $75 मिलियन (लगभग ₹614 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
जी हाँ! ये खबर Economic Times की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। इसके अनुसार, प्राप्त किए गए इस नए निवेश में से लगभग $50 मिलियन की पूँजी गूगल (Google) और रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) से हासिल की गई, जबकि शेष राशि कंपनी के अन्य मौजूदा निवेशकों से मिली।
रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Dunzo में लगभग 25.8% की हिस्सेदारी के साथ, सबसे बड़ा निवेशक है। वहीं टेक दिग्गज गूगल (Google) के पास कंपनी में लगभग 20% की हिस्सेदारी होने की बात कही जाती है।
क्या होते हैं कन्वर्टिबल नोट्स (Convertible Note)?
आप शायद सोच रहें हो कि आखिर कन्वर्टिबल नोट्स (Convertible Note) क्या होते हैं? बता दें, कन्वर्टिबल नोट्स एक अल्पकालिक ऋण (लोन) के तौर पर होते हैं, जो आगामी फंडिंग राउंड या आईपीओ के समय इक्विटी में परिवर्तित हो जाते हैं।
इसके तहत किसी कंपनी को तुरंत अपना मूल्यांकन करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। शायद इन्हीं तमाम चीजों के चलते पिछले कुछ सालों में भारतीय स्टार्टअप्स इसका व्यापक इस्तेमाल करते नजर आते रहे हैं।
Dunzo Layoffs: कंपनी ने की 30% कर्मचारियों की छंटनी?
लेकिन दिलचस्प ये है कि रिपोर्ट में सिर्फ फंडिंग की बात ही नहीं हुई है। असल में यह भी बताया जा रहा है कि इस क्विक कॉमर्स स्टार्टअप ने इतनी बड़ी फंडिंग हासिल करने के बाद भी लगभग 30% कर्मचारियों की छंटनी का मन बनाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस (Reliance) समर्थित इस कंपनी ने बुधवार (5 अप्रैल) को किए गए एक टाउन हॉल में कर्मचारियों को यह बताया कि बिजनेस मॉडल में बदलाव की योजना के तहत लगभग 30% (या 300 से अधिक) कर्मचारियों को निकाले जाने का फैसला लिया गया है।
यह भी सामने आया है कि टाउन हॉल में इस बात की जानकारी खुद Dunzo के संस्थापक और सीईओ कबीर बिस्वास (Kabeer Biswas) द्वारा दी गई।
मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, इस छंटनी के चलते कंपनी का इंजीनियरिंग विभाग, सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि मुख्य रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
लेकिन साफ कर दें कि Dunzo या इसके सीईओ, रिलायंस या गूगल की ओर से इस विषय पर कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब Dunzo ने छंटनी की हो। इसके पहले इसी साल जनवरी के अंत में कंपनी ने लगभग 3% कर्मचारियों को निकाला था।
हाँ! इतना जरूर है कि Instamart (Swiggy), Zepto, Blinkit (Zomato) और BB Now (BigBasket) के द्वारा बड़े पैमानें पर नौकरियों में की गई कटौती की तुलना में तक Dunzo का आँकड़ा कम कहा जा सकता था।
नियामक फाइलिंग के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में Dunzo का घाटा ₹464 करोड़ रहा था, जो वित्त वर्ष 2021 में हुए लगभग ₹229 करोड़ के घाटे की तुलना में लगभग दोगुना कहा जा सकता है।