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[UPDATE]: 1 अप्रैल से ₹2,000 से अधिक के इन UPI ट्रांजैक्शन पर लग सकता है 1.1% तक का चार्ज?

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UPI Payment Charges From 1 April: ऑनलाइन पेमेंट के इस दौर में भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface या UPI) की लोकप्रियता के बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। आज के समय बाजार में छोटी से बड़ी पेमेंट तक के लिए, हम अक्सर मोबाइल निकाल कर किसी ना किसी ऐप के जरिए से यूपीआई पेमेंट करना पसंद करते हैं।

लेकिन यूपीआई (UPI) का उपयोग इतना आम हो जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह थी, इसका फ्री होना। मतलब इसमें आपको किसी भी तरीके की अतिरिक्त ट्रांजेक्शन फीस नहीं देनी होती थी। लेकिन अब सामने आ रही खबरों के मुताबिक, शायद यह तस्वीर बदलने वाली है।

जी हाँ! Economic Times की एक हालिया रिपोर्ट में यूपीआई का संचालन करने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा 24 मार्च, 2023 की तारीख के तहत तैयार किए गए एक सर्कुलर के हवाले से यह बताया गया है कि यूपीआई नेटवर्क पर मोबाइल वॉलेट जैसी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) सुविधाओं का इस्तेमाल करके, किए जाने वाले मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर 1.1% की इंटरचेंज फीस ली जाएगी।

इस नोटिफिकेशन की मानें तो, अगर आप प्रीपेड पेमेंट इंस्‍ट्रूमेंट यानी मोबाइल वॉलेट आदि के माध्यम से व्यापारियों (मर्चेंट्स) को ₹2,000 से अधिक ट्रांसफर करते हैं, तो ऐसे में आपको ये इंटरचेंज फीस देनी होगी।

मतलब ये कि जल्द ही Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे ऐप्स के जरिए ₹2,000 से अधिक का पेमेंट करने पर आपको इंटरचेंज फीस के रूप में अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी पड़ सकती है।

मीडिया रिपोर्ट में अनुसार, जब वॉलेट होल्डर UPI पर भुगतान करेंगे तो वॉलेट जारीकर्ता को 1.1% इंटरचेंज मिलेगा।

UPI Payment Charges: अलग अलग क्षेत्रों के लिए होगी अलग-अलग इंटरचेंज फीस?

यह कहा जा रहा है कि NPCI भले ₹2,000 से अधिक के लेनदेन पर 1.1% तक की इंटरचेंज फीस लगाने जा रहा हो, लेकिन UPI पर PPI पेमेंट के लिए कृषि और दूरसंचार जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग मर्चेंट ट्रांजैक्शन फीस निर्धारित की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरचेंज फीस की शुरुआत 0.5% से हो सकती है, जो अधिकतम 1.1% तक जाएगी। ईंधन के लिए इंटरचेंज फीस 0.5% हो सकती है, जबकि टेलीकॉम, यूटिलिटीज/पोस्ट ऑफिस, शिक्षा, कृषि के लिए यह 0.7%, सुपरमार्केट के लिए 0.9% और म्यूचुअल फंड, सरकार, बीमा और रेलवे आदि के लिए यह 1% तक जा सकती है।

साफ कर दें कि ये संभावित चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शन्स के रूप में लिया जाएगा, जिसका सरल भाषा में अर्थ ये है कि यह व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा।

बुनियादी रूप से बैंक अकाउंट-टू-बैंक अकाउंट ट्रांसफर अभी भी फ्री रहेगा, लेकिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करके व्यापारियों को ₹2,000 से अधिक का भुगतान करने पर यह अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

UPI Payment Charges: कब से लागू होगा UPI चार्ज?

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस NPCI सर्कुलर के हवाले से यह खबर सामने आई है, उसे फिलहाल सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया गया है।

इस कथित सर्कुलर के अनुसार, यह फीस 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी हो जाएगी और NPCI द्वारा 30 सितंबर, 2023 तक या उसके पहले भी तय की गई इस फीस की समीक्षा की जा सकती है।

किस पर नहीं लगेगा इंटरचेंज फीस

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन के इस कथित सर्कुलर की मानें तो बैंक अकाउंट्स और PPI वॉलेट के बीच होने वाले पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह की कोई इंटरचेंज फीस नहीं देनी पड़ेगी।

Interoperability in UPI: अब डिजिटल वॉलेट के जरिए कर सकेंगे सभी QR कोड पर पेमेंट 

23 मार्च को जारी एक अन्य सर्कुलर में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने UPI प्लेटफॉर्म के साथ डिजिटल वॉलेट के एकीकरण का भी ऐलान किया है। इसके तहत अब उपयोगकर्ता अपने डिजिटल वॉलेट के जरिए किसी भी QR कोड पर भुगतान कर सकेंगे।

आपको याद दिला दें अकाउंट-टू-अकाउंट ट्रांसफर सुविधा के साथ शुरू किए गए UPI प्लेटफॉर्म को हाल में क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए भी विस्तारित किया गया था।

लेकिन अब डिजिटल वॉलेट को भी इसके साथ लिंक करने से अब सभी UPI QR कोड को स्कैन करके रिटेल पेमेंट के लिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPIs) के इस्तेमाल की सहूलियत मिल सकेगी।

[UPDATE / 12:00PM]: Payment ने जारी किया बयान

इस बीच Paytm Payments Bank के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस विषय में एक ट्वीट करते हुए कहा गया;

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“इंटरचेंज फीस और वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी पर NPCI की ओर से जारी सर्कुलर में, किसी भी भी ग्राहक बैंक अकाउंट या PPI/पेटीएम वॉलेट से UPI भुगतान करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।”

जैसा हमनें पहले ही बताया, अब तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध NPCI के हालिया सर्कुलर में महज वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी का जिक्र है, जिसमें किसी तरीके की किसी फीस की बात नहीं की गई है। लेकिन सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स में उस कथित सर्कुलर का हवाला दिया जा रहा है, जिसको अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

[UPDATE / 12:20PM] NPCI ने जारी किया बयान 

इस विषय पर NPCI की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया गया कि अकाउंट-टू-अकाउंट ट्रांसफर फ्री रहेगा, और इंटरचेंज चार्ज सिर्फ प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर है।

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