BharatPe acquires Trillion Loans?: हाल के महीनों में तमाम विवादों आदि के चलते सुर्खियों में रहने वाला BharatPe एक बार फिर से वापस अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करता नजर आ रहा है। कंपनी अपने नए कदम के जरिए अब ‘लोन व्यवसाय’ में मजबूत पकड़ स्थापित करने संबंधित अपनी योजनाओं की ओर संकेत कर रही है।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सामने आई खबरों के अनुसार, फिनटेक दिग्गज BharatPe ने मुंबई आधारित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) TrillionLoans Fintech में बहुमत हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
जी हाँ! Mint की एक नई रिपोर्ट में मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से सामने आई इस खबर के अनुसार, BharatPe ने TrillionLoans Fintech नामक एनबीएफसी में 51% हिस्सेदारी खरीदी है, और कथित रूप से यह डील लगभग ₹300 करोड़ में पूरी की गई है।
दिलचस्प रूप से रिपोर्ट के मुताबिक, BharatPe ने पहले से ही इस NBFC में 51% हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली हैं।
जाहिर है इस कदम के जरिए BharatPe को तेजी से बढ़ते भारतीय लोन (लेडिंग) बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि एनबीएफसी (NBFC) लाइसेंस मिलने के बाद किसी भी प्लेटफॉर्म के लिए लोन सुविधाओं की पेशकश करना बेहद आसान हो जाता है।
साथ ही खुद के स्वामित्व वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) होने के चलते अब BharatPe को अन्य एनबीएफसी कंपनियों पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और यह अपनी शर्तों पर सुविधाओं की पेशकश कर सकेगी।
BharatPe acquires Trillion Loans: Report
इस बीच आपको बता दें, TrillionLoans Fintech की शुरुआत अचल मित्तल (Achal Mittal) और गौतम अदुकिया (Gautam Adukia) ने मिलकर की थी। यह कंपनी लोगों को डायरेक्ट मनी ट्रांसफर के तहत गोल्ड लोन जैसी सुविधाओं का लाभ उठाने जैसी सहूलियतें प्रदान करती है।
गौर करने वाली बात ये भी है कि अचल मित्तल और गौतम अदुकिया ने मिलकर पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म LiquiLoans की भी स्थापना की थी, जो काफी समय से BharatPe के साथ जुड़ी हुई है। असल में BharatPe के P2P इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स Liquiloans द्वारा ही संचालित होते हैं।
यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब देश की कई फिनटेक कंपनियाँ लेंडिंग बिजनेस में कदम रखने के भरपूर प्रयास कर रहीं हैं और इनमें से कई एनबीएफसी लाइसेंस प्राप्त करने को लेकर, तमाम तरह की नियामक मंजूरी आदि के लिए संघर्ष करती भी नजर आ रही हैं।
लेकिन इस बीच LiquiLoans के संस्थापक एनबीएफसी (NBFC) और पी2पी एनबीएफसी (P2P NBFC) लाइसेंस दोनों प्राप्त करने में कामयाब रहे और इस डील के बाद अब इसका लाभ BharatPe को मिलता दिखाई देगा।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) फाइलिंग के मुताबिक, एनबीएफसी TrillionLoans Fintech में ने वित्त वर्ष 2022 में लगभग ₹7 करोड़ के राजस्व के साथ, ₹74 लाख का लाभ कमाया।
BharatPe करीब चार साल से एनबीएफसी लाइसेंस के लिए तरस रहा है, क्योंकि साल 2019 में कंपनी NBFC लाइसेंस प्राप्त करने के अपने प्रयास में असफल रही थी। उस वक्त RBI ने कंपनी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
खास ये भी है कि काफी समय बाद BharatPe के हाथ कोई अच्छी खबर लगी है। हम सब जानते हैं कि कंपनी व इसके के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) व सह-संस्थापक, अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है, जिसके चलते कई बार सार्वजनिक मंचो पर भी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला देखने को मिला। लेकिन इन सब के बीच कंपनी की साख को भी नुकसान पहुँचा है।