संपादक, न्यूज़NORTH
EV Charging Stations Susceptible To Cyberattacks?: आने वाला दौर इलेक्ट्रिक वाहनों का है और बिना ईवी चार्जिंग स्टेशनों के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की परिकल्पना बेईमानी सी है। इसलिए भारत में भी ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के व्यापक विकास पर लगातार जोर दिया जा रहा है।
लेकिन इन सब के बीच अब भारत सरकार के ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री’, नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक बड़ा बयान दिया है, जो शायद कई लोगों की चिंताए बढ़ा सकता है।
असल में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद को सूचित किया कि इलेक्ट्रिक वाहन या ईवी चार्जिंग स्टेशन भी किसी अन्य टेक्निकल एप्लीकेशन की तरह ‘साइबर हमलों और साइबर सुरक्षा संबंधित घटनाओं का शिकार बनने हेतु अतिसंवेदनशील होते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि देश में साइबर सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं पर नजर रखने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) को ईवी चार्जिंग स्टेशन से संबंधित प्रोडक्ट्स और एप्लीकेशन में खामियों से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली है।
EV Charging Stations Susceptible To Cyberattacks?
उन्होंने आगे कहा कि,
“इस विषय में अलर्ट के साथ ही, तमाम सुरक्षा उपायों से जुड़े सुझाव भी जारी किए गए हैं।”
“सरकार तमाम तरीके के साइबर अटैक व हैकिंग के खतरों से पूरी तरह से अवगत है और इनसे निपटने के लिए उचित कदम उठा रही है।”
आपको बता दें हाल में ही एक अधिसूचना भी जारी की गई थी, जिसमें दिए गए निर्देशों के अनुसार, सभी साइबर अटैक व हैकिंग से जुड़ी घटनाओं की जानकारी CERT-In के साथ साझा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत संस्थानों को सभी साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं की रिपोर्ट छह घंटे के भीतर CERT-In के साथ साझा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इतना ही नहीं बल्कि, साल 2021 में सरकार द्वारा वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सेवा प्रदाताओं, डेटा सेंटर्स, वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS) प्रदाताओं और क्लाउड सेवा प्रदाताओं के लिए ‘उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करना और उन्हें कम से कम 5 साल तक के लिए स्टोर करना भी अनिवार्य कर दिया गया था।
बताते चलें कि सरकार दवर पेश हालिया आँकड़ों के मुताबिक, देश में फिलहाल लगभग 6,586 पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन काम कर रहे हैं। वहीं भारत में विभिन्न कैटेगॉरी में कुल 21.7 लाख इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं।
इस बीच केंद्रीय मंत्री, नितिन गडकरी ने बताया कि CERT-Inने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों और उनके संगठनों के लिए साइबर हमलों का मुकाबला करने हेतु ‘Cyber Crisis Management Plan’ भी तैयार किया है।
इस विषय इसलिए भी और गंभीर हो जाता है क्योंकि सरकार के ही आँकड़ो के अनुसार, देश के भीतर साल 2018 में 2.08 लाख, साल 2019 में 3.94 लाख, 2020 में 11.58 लाख साइबर हमलों से जुड़ी घटनाएँ दर्ज की गई। वहीं 2021 के लिए ये आँकड़ा 14.03 लाख रहा था, जबकि 2022 में ये मामूली गिरावट के साथ 13.91 लाख रहा।