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ईवी कैब स्टार्टअप Evera ने हासिल किया लगभग ₹57 करोड़ का निवेश

End Of Life Vehicle Policy Delhi

Credits: Wikimedia Commons

Startup Funding – Evera: आने वाला दौर इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। इसलिए भारत समेत दुनिया भर में सरकारें तेजी से इस दिशा में नई नीतियाँ तैयार कर रही हैं। इन सभी प्रयासों का ही असर है कि आज ‘ट्रांसपोर्ट’ से लेकर ‘कैब’ आदि तमाम क्षेत्रों में भी ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) की माँग काफी तेजी से बढ़ी है।

और अब दिल्ली आधारित इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) कैब सेवा प्रदाता स्टार्टअप Evera ने लगभग ₹57 करोड़ (~ $7 मिलियन) का निवेश हासिल किया है।

कंपनी को यह निवेश जर्मनी के IEG Investment Banking Group के नेतृत्व में मिला है। साथ ही इस निवेश दारू में Direct Capital और सिंगापुर के Westova Capital समेत कई अन्य निवेशकों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई।

दिलचस्प रूप से कंपनी को यह निवेश ऐसे वक्त में मिला है जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहन कैब सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ती नजर आ रही है, जिसमें BluSmart के साथ ही साथ अब Uber और Ola जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हो चुके हैं।

Uber ने तो हाल ही में अपने बेड़े में 25,000 ईवी को शामिल करने के लिए Tata Motors के साथ समझौते का ऐलान किया है।

वहीं Evera ने भी पिछले साल अपने चार पहिया बेड़े के आकार को 2,000 ईवी तक करने के लिए Tata Motors के साथ एक समझौता किया था। कंपनी के पास वर्तमान में 238 ईवी का बेड़ा हैं और 2023 के अंत तक इस आँकड़े को 2,000 से अधिक करने की योजना बना रही है।

बता दें, Evera की शुरुआत साल 2019 में निमिष त्रिवेदी (Nimish Trivedi), राजीव तिवारी (Rajeev Tiwari), और विकास बंसल (Vikas Bansal) ने मिलकर की थी। यह एक घरेलू ऑल-इलेक्ट्रिक कैब सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में शुरू की गई, जो बिजनेस-टू-कंज़्यूमर (बी2सी) और बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) दोनों मॉडलों में अपनी सेवाओं की पेशकश करती है।

कंपनी ने हाल ही में GMR के साथ साझेदारी की है और IGI हवाईअड्डे से भी अपनी सेवाएं शुरू की हैं। इसके कॉर्पोरेट ग्राहकों की लिस्ट में EY और Orix जैसे नाम शुमार हैं। यह स्टार्टअप अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए बी2बी ग्राहकों के अपने पोर्टफोलियो का और विस्तार करने के भी प्रयास कर रहा है।

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इस बीच नए निवेश को लेकर कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ, निमिष त्रिवेदी ने कहा;

“प्राप्त की गई धनराशि का इस्तेमाल कंपनी ब्रांडिंग के लिए और अपने तकनीकी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए करेगी। इसके साथ ही कंपनी अपने बैकएंड को बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) क्लाइंट्स के साथ एकीकृत करने और अपने परिचालन को व्यापक बनाने के लिए इस पूंजी का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।”

इस बीच उन्होंने यह भी साफ किया है कि कंपनी फिलहाल ऑन-डिमांड राइड-हेलिंग सेवाओं की पेशकश के बजाए, शेड्यूल कैब सेवा पर भी ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी।

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