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Samsung Wallet भारत में जल्द होने जा रहा है लॉन्च, जानें क्या है फीचर्स?

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Samsung Wallet is coming to India: डिजिटल ईकोसिस्टम के मामले में भारत शायद दुनिया भर में सबसे तेज वृद्धि दर दर्ज करने वाले देशों में से एक है। और इस बात को तमाम दिग्गज टेक कंपनियाँ बखूबी समझने लगी हैं। यही कारण है कि Google, Apple, Amazon व अन्य सभी इसमें दाँव लगाती नजर आती रही हैं।

और बीते कुछ सालों से दक्षिण कोरियाई टेक कंपनी सैमसंग (Samsung) भी इस ओर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित करती दिखाई पड़ी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स (Samsung Electronics) ने हाल ही में ये घोषणा की है कि कंपनी जल्द ही Samsung Wallet सर्विस को कुछ नए देशों में भी लॉन्च करने जा रही है, जिसमें भारत भी शामिल है।

जी हाँ! सैमसंग के आधिकारिक ऐलान के अनुसार। कंपनी 8 नए देशों में अपनी इस सेवा को पेश करने जा रही है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, हांगकांग, भारत, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान जैसे नाम शुमार हैं।

आपको बता दें कि सैमसंग पहले से ही भारत के फिनटेक बाजार में भी कदम रखते हुए देश में Samsung Pay की पेशकश कर रही है।

लेकिन ये साफ कर दें कि सैमसंग वॉलेट किसी भी तरह से किसी फिनटेक ऐप के वॉलेट – जैसे Paytm Wallet आदि की तरह नहीं है, जिससे आप रुपयों का लेनदेन कर सकें।

क्या है सैमसंग वॉलेट (Samsung Wallet)? 

इस सैमसंग वॉलेट सर्विस के लॉन्च होने के बाद यूजर्स अपने जरूरी डॉक्यूमेंट को इस वॉलेट में स्टोर कर सकेंगें, जो कंपनी के दावे के अनुसार एक बेहद सुरक्षित प्लेटफॉर्म है।

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सैमसंग वॉलेट उपयोगकर्ता सिर्फ एक स्वाइप के साथ, अपने बैंक कार्ड और डिजिटल चाबियों से लेकर ट्रैवल पास, ड्राइविंग लाइसेंस और स्टूडेंट आईडी जैसे कई अहम दस्तावेजों को व्यवस्थित रूप से स्टोर व एक्सेस करने की आसान और तेज सुविधा हासिल कर पाएँगे।

क्यों है खास?

कंपनी के अनुसार, इसका ये वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म कंपनी की ही सुरक्षा सेवा, Samsung Knox द्वारा सुरक्षित है, जिसमें उपयोगकर्ताओं के सभी अहम डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए फ़िंगरप्रिंट और एन्क्रिप्शन जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।

Samsung Wallet नामक इस सेवा को कंपनी ने पिछले साल ही लॉन्च किया है और अब तक कंपनी 21 देशों – बहरीन, चीन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कजाकिस्तान, कोरिया, कुवैत, नॉर्वे, ओमान, कतर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, वियतनाम, यूएई, ब्रिटेन और अमेरिका में इसका विस्तार कर चुकी थी।

 

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