संपादक, न्यूज़NORTH
Budget 2023 – PLI Scheme for more sectors: भारत में घरेलू उत्पादन को बढ़ानें, आयात पर निर्भरता को कम करने और देश को एक मैन्युफ़ैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के मकसद के साथ केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) की शुरुआत की थी।
अपनी इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार कंपनियों को भारत में ही अपने तमाम प्रोडक्ट्स को तैयार करने व बिक्री करने जैसी शर्तों के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
शुरुआत में चुनिंदा क्षेत्रों के लिए पेश की गई इस स्कीम का विस्तार करते हुए, बीतें सालों में सरकार ने ‘आईटी हार्डवेयर’, ‘फार्मा’ और ‘ड्रोन’ जैसे क्षेत्रों को भी इसका लाभ देना शुरू किया है।
और अब खबरों के मुताबिक, इसके सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए सरकार आगामी बजट 2023 में पीएलआई स्कीम का अन्य कई क्षेत्रों में भी विस्तार करने से संबंधित ऐलान कर सकती है।
PTI की एक हालिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि केंद्र सरकार खिलौने, साइकिल, चमड़े और जूते जैसे कई दूसरे सेक्टरों को भी पीएलआई स्कीम में शामिल करने का ऐलान कर सकती है।
बता दें कि भारत सरकार फिलहाल ऑटोमोबाइल और इसके जुड़े घटकों, फार्मा, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, अधिक दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल और समेत लगभग 14 सेक्टरों के लिए लगभग ₹2 लाख करोड़ ख़र्चों के साथ इस योजना को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि इस योजना के लिए आवंटित ₹2 लाख करोड़ में से कुछ हिस्सा अभी भी बचा हुआ है, जिसे अब अन्य नए सेक्टरों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके जरिए सरकार का मक़सद घरेलू मैन्युफ़ैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों तक ले जाते हुए, इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाना है, ताकि आने वाले दौर विनिर्माण के लिहाज से भी भारत के नाम हो।
Budget 2023 – PLI Scheme
वैसे बताया ये जा रहा है कि खिलौने और चमड़ा जैसे विभिन्न सेक्टरों को पीएलआई स्कीम का लाभ देने पर अभी भी विचार किया जा रहा है, कह सकते हैं यह अभी भी एडवांस स्टेज में ही है।
लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहता है तो इस बजट में ही इन नए सेक्टरों को शामिल करने का ऐलान किया जा सकता है। आपको बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2023-24 का बजट पेश करने वाली हैं।
सरकारी के मुताबिक, सितंबर 2022 तक LSEM (लार्ज-स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफ़ैक्चरिंग) के लिए पीएलआई योजना ने कुल ₹4,784 करोड़ का निवेश आकर्षित किया है, और इसके तहत ₹80,769 करोड़ के निर्यात सहित कुल ₹2,03,952 करोड़ का उत्पादन दर्ज किया गया।
पिछले साल 16 दिसंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा दिए गए एक बयान में यह बताया गया था कि अब तक 13 योजनाओं के तहत 650 आवेदन स्वीकार किए जा चुके हैं और इससे 100 से अधिक MSMEs लाभार्थी शामिल हैं, जो बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।
बताते चलें कि बीते सितंबर, सरकार ने देश में मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कम्पोनेंट और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए ₹26,058 करोड़ की पीएलआई (प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव) या उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम को मंज़ूरी दी थी।