Now Reading
TCS, Infosys, Wipro और HCL Tech ने तीसरी तिमाही में नई भर्तियों में दर्ज की गिरावट

TCS, Infosys, Wipro और HCL Tech ने तीसरी तिमाही में नई भर्तियों में दर्ज की गिरावट

tcs-infosys-wipro-hcl-reduced-hiring-in-q3-fy23

TCS, Infosys, Wipro, and HCL reduced hiring in Q3 FY23: एक तरफ भारत समेत दुनिया भर में बड़ी-बड़ी कंपनियों में छंटनी (Layoffs) का दौर जारी है। वहीं दूसरी ओर टॉप 4 भारतीय आईटी कंपनियाँ भी वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में नई भर्तियों के मामले में गिरावट दर्ज करती नजर आ रही हैं।

सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, देश की टॉप चार आईटी कंपनियों (TCS, Infosys, Wipro और HCL) ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में कुल मिलाकर 20,000 से भी कम नए कर्मचारियों की नियुक्ति की है।

हाल में ET की एक नई रिपोर्ट की मानें तो नई भर्तियों के मामले में आई ये कमी की शुरुआत दूसरी तिमाही से ही होने लगी थी, जब इन चार कंपनियों ने कुल रूप से 28,836 नए कर्मचारी जोड़े थे, जो पहली तिमाही की तुलना में लगभग आधी संख्या थी।

लेकिन तीसरी तिमाही ने हालात और भी बदतर होते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) और Wipro दोनों दिग्गज कंपनियों ने अपने कुल कर्मचारियों की संख्या में गिरावट दर्ज की है।

बता दें आँकड़ो के अनुसार, TCS के लिए कर्मचारियों की संख्या में कुल गिरावट करीब 2,197 की रही, वहीं Wipro के लिए यही आँकड़ा 435 का रहा।

इन कंपनियों द्वारा पेश की गई आय संबंधित रिपोर्ट्स के आंकड़ों को देखने के बाद, यह साफ हुआ कि कंपनियों द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों में गिरावट हुई है।

असल में भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस निर्यातक कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही (Q3 FY23) में 7,000 नए कर्मचारियों (फ्रेशर्स) को काम पर रखा, जो आँकड़ा दूसरी तिमाही में 9,840 था।

tcs-infosys-wipro-hcl-reduced-hiring-in-q3-fy23

वहीं बात Infosys की करें तो इसने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 6000 फ्रेशर्स को नियुक्त किया, जबकि दूसरी तिमाही में इसने 10,032 नए लोगों को काम पर रखा था। वहीं HCL Tech ने तीसरी तिमाही में 5,892 फ्रेशर्स को नियुक्त किया है, जो दूसरी तिमाही की तुलना में 2,500 से कम है।

लेकिन आखिर इसकी वजह क्या है? 

See Also
elon-musk-visited-china-after-cancelling-india-trip-know-why

वैसे तो ये तमाम कंपनियाँ व अन्य कई कंपनियाँ भी नए कर्मचारियों को भर्ती करने में दिखाई जा रही हिचकिचाहट के पीछे वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों को बड़ी वजह बता रही हैं। लेकिन जानकारों के अनुसार, इसके पीछे कुछ तकनीकी कारण भी हैं।

इन कंपनियों में बढ़ता “बेंच साइज” 

सबसे पहले आपको बता दें हैं कि ‘बेंच साइज’ होता क्या है? एक आईटी कंपनी में बेंच साइज उन कर्मचारियों की संख्या होती है, जो फिलहाल कंपनी के किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं है, मतलब उन्हें कोई काम नहीं सौंपा गया है, लेकिन फिर भी वह कर्मचारी कंपनी के पेरोल पर होते हैं।

असल में आईटी कंपनियाँ बेंच साइज इसलिए भी बना कर चलती हैं, ताकि कोई नया प्रोजेक्ट या मौजूदा प्रोजेक्ट में अतिरिक्त जरूरत की स्थिति में ज़्यादा परेशानी ना हो।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछली कुछ तिमाहियों में आईटी कंपनियों में बेंच साइज कम जरूरतों के बाद भी की गई आक्रामक हायरिंग के कारण तेजी से बढ़ गया है। यह भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है कि तीसरी तिमाही में इन दिग्गज आईटी कंपनियों ने नई भर्तियाँ कम कर दी हैं।

कंपनी छोड़ कर जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में आई कमी

जानकार मान रहे हैं कि मौजूदा हालतों में जब कई बड़ी कंपनियाँ खुद ही छंटनी (Layoffs) कर रही हैं, ऐसे में अधिकतर कर्मचारी ये सोचने लगे हैं कि फिलहाल नई संभावनाओं को तलाशने से बेहतर हैं कि मौजूदा नौकरी को बनाए रखा जाए। इसलिए कहीं न कहीं यह भी एक संभावित कारण ज़रूर हो सकता है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.