Site icon NewsNorth

Google को NCLAT से मिला एक और झटका, ₹936 करोड़ के जुर्माने में नहीं मिली अंतरिम राहत

first-fir-under-new-criminal-law-in-india-police

NCLAT – Google vs CCI News: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए दो जुर्मानों के ख़िलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल या NCLAT) में याचिका दायर करने वाली टेक दिग्गज गूगल (Google) को फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

ताजा मामले के तहत आज NCLAT ने Google पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए दूसरे ₹936.44 करोड़ के जुर्माने के मामले की सुनवाई करते हुए, कंपनी को किसी भी प्रकार की कोई अंतरिम राहत देने से साफ इनकार कर दिया है।

ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)

इतना ही नहीं बल्कि NCLAT ने Google को यह निर्देश दिए हैं कि कंपनी आगामी 4 हफ्तों के भीतर इस जुर्माने की कुल राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा NCLAT रजिस्ट्री के पास जमा करवाए।

इस नए मामले में न्यायमूर्ति राकेश कुमार और आलोक श्रीवास्तव की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और अन्य पक्षों को नोटिस जारी करते हुए, मामले को 17 अप्रैल, 2023 तक सुनवाई के लिए टाल दिया।

क्या था मामला? 

आपको बता दें अक्टूबर 2022 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्ले स्टोर (Play Store) पॉलिसी को लेकर बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने का दोषी पाते हुए Google पर ₹936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया था।

‘प्ले स्टोर’ से संबंधित एक पेमेंट पॉलिसी के तहत ऐप डेवलपर्स अपने ऐप्स (Apps) में भुगतान (पेमेंट) के लिए सिर्फ और सिर्फ गूगल प्ले बिलिंग (Google Play Billing) सिस्टम का ही उपयोग कर सकते हैं, यह कंपनी की बाध्यकारी शर्त कही जा सकती है।

सरल शब्दों में समझने की कोशिश करें तो ‘गूगल प्ले स्टोर’ पर मौजूद किसी भी एंड्रायड ऐप पर उपयोगकर्ता अगर कोई इन-ऐप प्रोडक्ट या सर्विस खरीदता है तो वह भुगतान सिर्फ गूगल के खुद के बनाए प्ले बिलिंग सिस्टम के जरिए ही कर सकता है। बता दें Google और Apple दोनों ही डेवलपर्स से किसी भी तरीके के डिजिटल कंटेंट की बिक्री पर 15-30 प्रतिशत तक का कमीशन वसूलते हैं।

दिलचस्प ये था कि इस जुर्माने के कुछ ही दिन पहले CCI ने प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को अपनाने के एक अलग मामले में भी कंपनी को दोषी मानते हुए, इस पर लगभग ₹1,338 करोड़ का जुर्माना लगाया था।

तब सुनवाई के दौरान Google ने CCI पर यह आरोप लगाया कि CCI ने यूरोपीय कमीशन द्वारा पारित आदेशों के कुछ हिस्सों की नकल करते हुए ही अपना आदेश जारी कर दिया है।

Google की ओर से इन दोनों जुर्मानों के ख़िलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में अपील की गई थी। इसके तहत 4 जनवरी को ही ₹1,338 करोड़ जुर्माने से संबंधित पहले मामले की सुनवाई के दौरान भी NCLAT ने कंपनी को यह ₹1,338 करोड़ के जुर्माने का 10% तुरंत जमा करने का आदेश दिए था।

See Also

तब NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने CCI द्वारा लगाए जुर्माने को तत्काल रोकने से इनकार करते हुए यह कहा था कि इस संबंध में दूसरे पक्ष को सुनने के बाद ही ट्रिब्यूनल कोई कोई आदेश जारी करेगा। इसलिए इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए टाल दी गई थी। तब खबर ये भी आई थी कि इस मामले में 3 अप्रैल तक CCI के आदेश के अन्य पहलुओं पर अंतिम सुनवाई शुरू की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट पहुँचा Google

गौर करने वाली बड़ी बात ये भी है कि आज सामने आई Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Google ने देश की सर्वोच्च अदालत में CCI के जुर्माने के आदेश के ख़िलाफ याचिका दायर करते हुए कहा है कि

“CCI का यह आदेश दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेट बाजार (भारत) में एंड्रॉइड के बढ़ते उपयोग की गति को ठप कर सकता है।”

आपको बता दें तमाम अनुमानों के मुताबिक, भारत में लगतर 95 प्रतिशत से अधिक स्मार्टफोन Google के बनाए एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही चलते हैं।

अपनी इस अपील में Google की ओर से यह तर्क दिया गया है कि CCI का आदेश 1,100 से अधिक डिवाइस निर्माताओं और हजारों ऐप डेवलपर्स के साथ कंपनी के मौजूदा स्वरूप को बदल देगा, जिसके चलते देश में Google के Android ईकोसिस्टम में बड़ी बाधा खड़ी हो सकती है।

Exit mobile version