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‘मेड-इन-इंडिया’ स्मार्टफोन की मांग में आई कमी, शिपमेंट 8% तक घटा: रिपोर्ट

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Made in India smartphone shipments decline: एक तरफ बीतें कुछ सालों में जहाँ सरकार ‘मेड-इन-इंडिया’ प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, वहीं अब सामने आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रयासों को एक धक्का-सा लगा है।

असल में हम बात कर रहे हैं रिसर्च फर्म Counterpoint Research द्वारा पेश की गई एक नई रिपोर्ट के बारे में, जिसके अनुसार सितंबर तिमाही (Q3 2022) में ‘मेड-इन-इंडिया‘ स्मार्टफोन की शिपमेंट में साल-दर-साल के हिसाब से 8% तक की गिरावट दर्ज की गई, और ये आँकड़ा 5.2 करोड़ तक सिमट गया है।

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दिलचस्प रूप से रिसर्च फर्म के विश्लेषकों ने इस गिरावट के लिए भारत समेत वैश्विक बाजारों में आई उपभोक्ता मांग में गिरावट को बड़ी वजह बताया है।

विश्लेषकों की मानें तो दुनिया भर में विपरीत आर्थिक परिस्थितियों और रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के चलते वैश्विक बाजार में मौजूद अनिश्चितताओं के कारण ही ‘उपभोक्ता मांग’ में कमी देखनें को मिल रही है।

Made in India smartphone shipments decline by 8%

Counterpoint Research के वरिष्ठ विश्लेषक, प्राचीर सिंह ने इस विषय में कहा;

“Q3 2022 में मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट के आँकड़ो में Q3 2021 की तुलना में गिरावट देखनें को मिली है। इसके पीछे 2 बड़ी वजह नजर आती हैं।”

उन्होंने पहले बड़े कारण के रूप में दुनिया भर में विपरीत वृहद आर्थिक परिस्थितियों को ज़िम्मेदार बताया, जिसके चलते ग्राहकों के बीच माँग कम हुई है, खास कर एंट्री-लेवल सेगमेंट में।

दूसरा कारण तिमाही की शुरुआत में बची हुई इन्वेंट्री को बताया गया, जिसनें मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को ख़ासा प्रभावित किया। इस बीच इतना ज़रूर है कि भारत में बने स्मार्टफोनों की संख्या में बेशक इज़ाफ़ा हुआ है।

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दिलचस्प रूप से संबंधित तिमाही में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड, Oppo लगभग 23.8% बाजार हिस्सेदारी के साथ ‘मेड-इन-इंडिया’ शिपमेंट के मामले में पहले स्थान पर रहा।

वहीं इसके बाद Samsung को लगभग 20.7% की हिस्सेदारी के साथ दूसरा और Vivo को 12.4% की हिस्सेदारी के साथ तीसरा स्थान मिला।

इस बीच इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफ़ैक्चरिंग सर्विस प्रदाता जैसे Foxconn की सहायक कंपनी Bharat FIH (जो Xiaomi के लिए स्मार्टफ़ोन्स बनाती है) और Dixon, (जो Samsung के लिए भी स्मार्टफोन बनाती है) की शिपमेंट हिस्सेदारी क्रमशः 8.5% और 7.8% रही।

बताते चलें इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में भारत लगभग ₹75,000 करोड़ के मोबाइल फोनों का निर्यात करता नजर आएगा। बता दें पिछले वित्त वर्ष के लिए ये आँकड़ा करीब ₹48,000 करोड़ ही रहा था।

जानकारों की मानें तो Tata Group और Wistron व Foxconn जैसी कंपनियों के बीच बढ़ती साझेदारी और सरकार की प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम आदि के चलते स्थानीय उत्पादन और गति से बढ़ता दिखाई देगा। 

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