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Flipkart से अलग होकर PhonePe बनी एक स्वतंत्र कंपनी

Flipkart से अलग होकर PhonePe बनी एक स्वतंत्र कंपनी

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Flipkart and PhonePe complete separation: फिनटेक कंपनी PhonePe ने अब अपनी मूल कंपनी Flipkart से अलग होने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन दोनों कंपनियों ने खुद शुक्रवार को इसका ऐलान किया।

यह जानकारी सामने आई है कि PhonePe के पूर्ण स्वामित्व को अलग करनें की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और दोनों कंपनियों की सिंगापुर आधारित संस्थाओं – Flipkart Singapore और PhonePe Singapore के शेयरधारकों ने सीधे PhonePe India में शेयर खरीदे हैं।

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बता दें Flipkart ने साल 2016 में PhonePe का अधिग्रहण किया था। यह नया कदम PhonePe को पूरी तरह से भारत आधारित कंपनी बनाने की प्रक्रिया को पूरा करता है, जिसकी कोशिशें इस साल की शुरुआत से ही की जानें लगी थी।

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दोनों कंपनियों ने कहा कि अलग-अलग संस्थाओं के रूप में व्यवसाय स्थापित करने से, PhonePe और Flipkart दोनों को अपनी-अपनी विकास की रफ्तार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये साफ कर दें, अमेरिकी रिटेल दिग्गज Walmart अभी भी दोनों ही कंपनियों में प्रमुख हिस्सेदार बनी हुई है।

TechCrunch की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि PhonePe जल्द लगभग $12 बिलियन की प्री-मनी वैल्यूएशन पर $1.5 बिलियन तक का निवेश हासिल करने के प्रयास कर सकता है। इस निवेश के एक हिस्से का इस्तेमाल कंपनी कुछ शेयरों को वापस खरीदने के लिए भी कर सकती है।

इस बीच Flipkart Group के सीईओ, कल्याण कृष्णमूर्ति (Kalyan Krishnamurthy) ने कहा;

“Flipkart Group ने कई सफल उद्यमी बनाए हैं, और कुछ पूर्व कर्मचारियों द्वारा प्रभावशाली व्यवसायों को स्थापित करने भी देखा गया है।”

“PhonPe को भी अपने आप में एक सफल संस्थान के रूप में विकसित होता व फलता-फूलता देख, हमें बेहद गर्व होता है।”

वहीं इस कदम को लेकर PhonePe के संस्थापक और सीईओ, समीर निगम (Sameer Nigam) ने अपने बयान में कहा;

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“400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता आधार के साथ, बतौर स्वदेशी भारतीय ब्रांड Flipkart और PhonePe गर्व महसूस करते हैं।”

“अब हम अपने विकास के अगले चरण की ओर बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में हम बीमा, धन प्रबंधन और उधार (लोन) जैसे नए व्यवसायों में निवेश भी कर रहे हैं। साथ ही हम भारत में UPI पेमेंट के लिए विकास के अगले चरण में योगदान दे रहे हैं। यह कदम हमें तमाम भारतीयों को वित्तीय समावेशन की धारा से जोड़ने के हमारे विजन को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।”

माना ये जा रहा है कि Flipkart का इरादा अब फिलहाल फिर से उपभोक्ता भुगतान बाजार में प्रवेश करने का नहीं है। याद दिला दें PhonePe ने 2020 के अंत में एक अलग इकाई बनने के अपने इरादे को जाहिर कर दिया था।

गौर करने वाली बात ये भी है कि इन दोनों कंपनियों के अलग हो जाने से Flipkart की वैल्यूएशन पर कुछ प्रभाव जरूर पड़ सकता है। जुलाई 2021 में Flipkart Group ने $37.6 बिलियन की वैल्यूएशन (मूल्यांकन) पर $3.6 बिलियन की फंडिंग हासिल की थी।

वहीं भारत के मोबाइल पेमेंट सेगमेंट में एक बड़ा नाम बन चुके PhonePe ने साल 2020 के अंत में हुए एक फंडिंग राउंड में $5.5 बिलियन की वैल्यूएशन दर्ज की थी। भारत में PhonePe की सीधी टक्कर Google Pay, Paytm जैसे बड़े खिलाड़ियों से है।

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