Startup Funding – Grow Indigo: भारत का एग्रीटेक सेगमेंट काफी बड़ा और अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। लेकिन बीते कुछ महीनों से यह क्षेत्र भी निवेश को लेकर संघर्ष करता नजर आ रहा है। ऐसे में सामने आई खबरों के मुताबिक, सरकार भी देश में एग्रीटेक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा सकती है।
इस बीच मुंबई आधारित एग्रीटेक स्टार्टअप Grow Indigo ने अपने नए निवेश दौर में $6 मिलियन (लगभग ₹49 करोड़) का निवेश हासिल किया है।
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कंपनी को यह निवेश Indigo AG, Mahyco और व्यक्तिगत निवेशकों (HNIs) से मिला है। इस नए निवेश के साथ ही Grow Indigo के अनुसार, कंपनी ने अब तक कुल $13 मिलियन जुटा लिए हैं।
Grow Indigo की शुरुआत कीर्ति ठक्कर (Kirthee Thakkar) और राजेंद्र बद्रीनारायण बरवाले (Rajendra Badrinarayan Barwale) ने मिलकर की थी।
यह स्टार्टअप खेती में आने वाली जलवायु चुनौतियों को हल करने के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों की पेशकश करता है और यह सुनिश्चित करता है कि किसानों व संबंधित हितधारकों के पास इनपुट और आउटपुट दोनों बाजारों तक पर्याप्त पहुंच हो, जिससे उनकी आय में बढ़ौतरी हो सके।
इसके तहत यह स्टार्टअप भारत में अधिकांश संख्या में मौजूद छोटे किसानों के लिए कार्बन खेती की अवधारणा को प्रोत्साहित करता है। इसके समाधानों के तहत जब इस पद्धति को 120 मिलियन एकड़ (यानी भारत की लगभग एक-तिहाई कृषि भूमि) पर लागू किया जाएगा, तो कंपनी को यह उम्मीद है कि मिट्टी के कार्बन में 1% की वृद्धि वातावरण से 7 गीगाटन के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड निकाल देगी।
कंपनी आने वाले दो सालों में 3.5 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि को जोड़ने की उम्मीद कर रही है। इसने उपयोगी रोगाणुओं को लेकर भी काफी निवेश किया है, जिससे किसानों की रासायनों पर निर्भरता को कम करने और कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने की उनकी क्षमता में वृद्धि करने में मदद मिल सके।
आपको बता दें कंपनी का खुद का स्थापित माइक्रोबियल कंसोर्टियम लगभग चार मिलियन एकड़ में फैला हुआ है।
इस बीच कंपनी की एक्जीक्यूटिव चेयरमैन, उषा बरवाले जेहर (Usha Barwale Zehr) ने कहा,
“सस्टेनेबिलिटी की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए, कंपनी देश भर में कार्बन फार्मिंग को बढ़ावा देना जारी रखेगी।”
इस स्टार्टअप के पास कृषि वैज्ञानिकों, डेटा वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, टेकनीशियनों, बिक्री टीम और और शोधकर्ताओं समेत लगभग 200 लोगों की टीम है, जो कृषि पद्धतियों में सुधार के साथ, जलवायु संकट को हल करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है।