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फिनटेक स्टार्टअप Bold Finance ने Kae Capital के नेतृत्व में हासिल किया लगभग ₹12 करोड़ का निवेश

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Image Credit: Bold Finance

Startup Funding – Bold Finance: फिनटेक या कहें तो फाइनेंस-टेक सेगमेंट देश के स्टार्टअप जगत में काफी व्यापक पैंठ स्थापित करने में कामयाब रहा है। और वक्त के साथ ये क्षेत्र कई आयामों में अपना प्रसार करते हुए निवेशकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

इसी कड़ी में अब मुंबई आधारित फिनटेक स्टार्टअप Bold Finance ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $1.5 मिलियन (लगभग ₹12 करोड़) हासिल किया है। कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व Kae Capital ने किया।

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वैसे निवेश दौर में कंपनी के मौजूदा निवेशक – Antler India समेत कुछ दिग्गज व्यक्तिगत निवेशकों जैसे नितिन गुप्ता (Uni Cards), इशप्रीत गांधी (Stride Ventures), शशिकांत डोला (McKinsey & Company) व अन्य ने भी भागीदारी दर्ज करवाई।

Bold Finance की शुरुआत आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र रहे, निखिल जैन (Nikhil Jain) और दुर्गेश सुथर (Durgesh Suthar) ने मिलकर की थी। यह कंपनी टियर-II और टियर-III शहरों के मध्यम-आय वर्ग व अन्य लोगों के लिए लोन (क्रेडिट) उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए, उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता को लेकर सक्षम बनाती हैं।

कंपनी की प्रमुख पेशकश में ‘गोल्ड लोन’ शुमार है। यह स्टार्टअप एक तकनीकी प्लेटफॉर्म और ऑपरेशन-लेयर का निर्माण कर रहा है, जो ज्वैलर्स को कई बैंकों के साथ काम करते हुए, एक विनियमित तरीके से लोन देने और अपने व्यवसाय को स्थायी रूप से विकसित करने की सहूलियत देता है।

असल में ये ज्वैलर्स Bold Finance की शाखाओं (ब्रांच) के रूप में काम करते हैं। वहीं ग्राहकों के नजरिए से देखा जाए तो उन्हें कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन, पूंजी तक आसान पहुंच, पारदर्शिता और मोबाइल ऐप के माध्यम से सुविधाजनक पुनर्भुगतान की सुविधाएँ मिलती हैं।

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ज्वैलर्स को ही शाखाओं (ब्रांचों) की तरह उपयोग करने से कंपनी की परिचालन लागत अपने प्रतिद्वंदियों की तुलना में काफी कम हो जाती है, जिसके चलते वह कम ब्याज दरों पर भी ग्राहकों को लोन सुविधा दे पाती है।

देखा जाए तो वर्तमान समय में देश के लगभग $130 बिलियन के गोल्ड लोन बाजार का 65% असंगठित है, जिसे साहूकारों, जौहरियों, HNIs आदि द्वारा संचालित किया जाता रहा है। और इस असंगठित बाजार के स्वरूप के चलते ही ग्राहकों को उच्च ब्याज दरों पर लोन मिलता है और उसके बाद भी अधिकांश का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहता है।

वैसे बात करें, कंपनी को मिले इस नए निवेश की तो इसको लेकर Bold Finance के सह-संस्थापक, निखिल जैन ने कहा;

“गोल्ड लोन अधिकतर एक वर्किंग कैपिटल लोन के रूप में होता है, जिसका मतलब है कि ग्राहकों को इसकी तत्काल आवश्यकता होती है। ऐसे में हाइपर-लोकल या पड़ोस में ही आसानी से पहुँच और कम ब्याज दरें ग्राहकों के लिए बेहद अहम हो जाती हैं। और हम ऐसे ग्राहकों की जरूरतों को ही पूरा करने और बाजार में सुरक्षित, तेज और भरोसेमंद बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

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