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भारत में टेक कंपनियों पर CCI की सख्ती, क्या Google, OYO समेत आदि पर जुर्माना महज एक शुरुआत?

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Google & others fined by CCI in India: मौजूदा दशक दुनिया के साथ ही भारत में भी टेक कंपनियों के नाम रहा है। लेकिन इंटरनेट के इस दौर में टेक कंपनियों का बढ़ता दबदबा कई नई आशंकाओं और सवालों को भी जन्म देता है।

अक्सर हमें देखने को मिलता है कि बड़ी बड़ी टेक कंपनियाँ बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति का गलत ढंग से फायदा उठाती हैं, और जिसे नए दौर के बाजार की खामी के रूप से देखा तो जाता है, लेकिन इसके ख़िलाफ कोई ठोस करवाई होते नहीं दिखती है।

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पर ऐसा लगता है कि भारत में भी अब तस्वीर बदलने लगी है। असल में बीतें कुछ दिनों में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) देश में कार्यरत टेक कंपनियों के ख़िलाफ सख्त रूख अपनाते नजर आया है।

उदाहरण के तौर पर, बात करें चाहे CCI द्वारा टेक दिग्गज Google India पर लगाए गए लगभग ₹1,337 करोड़ के जुर्माने की या फिर नामी स्थानीय स्टार्टअप्स MakeMyTrip, Goibibo और OYO पर लगाए गए ₹392 करोड़ तक के जुर्माने की।

बीते दो दिनों में ही सामने आए इन उदाहरणों को देखकर ऐसा लगता है कि देश के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग यानि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टेक कंपनियों द्वारा अपनाए जाने वाली ‘प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं’ के ख़िलाफ सीधी करवाई का मन बना लिया है।

जैसा हमनें पहले ही बताया, CCI ने एक दिन पहले ही होटल-रूम लिस्टिंग संबंधित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को लेकर MakeMyTrip, Goibibo और OYO पर ₹392 का जुर्माना लगाया था। आपको बता दें इस संबंध में नियामक साल 2019 से ही आरोपों की जांच कर रहा था।

Google पर लगे जुर्माने की वजह?

लेकिन भारतीय नियामक के इस नए तेवर को सुर्खियाँ तब और अधिक मिली जब कुछ ही घंटो बाद इसने Google India पर भी ₹1,337 करोड़ के जुर्माने का आदेश दिया।

असल में नियामक ने Google को भारत के एंड्रॉइड मोबाइल ईकोसिस्टम से संबंधित तमाम कैटेगॉरियों में अपनी मजबूत बाजार स्थिति का दुरुपयोग करते हुए पाया, जिसके बाद यह जुर्माना लगाया गया है।

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अपने आदेश में CCI ने Google को यह भी चेतावनी दी है कि कंपनी एंड्रॉइड पर चलने वाले डिवाइसों के निर्माताओं को फोन, टैबलेट आदि पर गूगल ऐप्स को ‘प्री-इंस्टॉल’ करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है।

बाजार के नए स्वरूपों को देखते हुए, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बीते कुछ सालों में टेक/डिजिटल कंपनियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना शूरू किया है। नियामक अब कंपनियों के विलय से लेकर अधिग्रहण और बाजार में उनकी स्थिति आदि पर भी बारीक नजर रख रहा है।

CCI की मदद के लिए आ रहा है DMDU?

लेकिन ये सब इसलिए और दिलचस्प हो जाता है क्योंकि तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग एक समर्पित Digital Markets and Data Unit (DMDU) की स्थापना कर रहा है।

जानकारों के अनुसार, DMDU की स्थापना से CCI की क्षमताओं का विस्तार होगा और नियामक को टेक/डिजिटल कंपनियों द्वारा की जा सकने वाली संभावित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों का पता लगाने व उसकी जाँच करने आदि में सहूलियत होगी।

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